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Shri Suktam Path: क्या है श्री सूक्तम पाठ? जिसके चमत्कार से गायब हो जाती है घर की गरीबी

Shri Suktam Path: क्या आप जानते हैं कि तमाम उपासनाओं में श्री सूक्तम का पाठ सर्वोत्तम माना जाता है. लेकिन इसके लिए नियमों और सावधानियों का पालन करना भी बहुत जरूरी होता है. तभी आपको इसका पूर्ण लाभ मिल पाता है.

Shri Suktam Path: क्या है श्री सूक्तम पाठ? जिसके चमत्कारी से गायब हो जाती है घर की गरीबी Shri Suktam Path: क्या है श्री सूक्तम पाठ? जिसके चमत्कारी से गायब हो जाती है घर की गरीबी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

Shri Suktam Path: दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो सुख समृद्धि और धन प्राप्ति की कामना न करता हो. इसके लिए लोग न केवल कठोर परिश्रम करते हैं, बल्कि तरह-तरह के उपाय से देवी-देवताओं को प्रसन्न भी करते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके प्रयोग से आर्थिक तंगी और दरिद्रता कोसों दूर रहती है और मां लक्ष्मी की कृपा से धन की कभी कमी नहीं रहती है.

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श्री सूक्तम पाठ से दूर होगा धन संकट
हिंदू धर्म में धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी की मुख्य रूप से पूजा की जाती है. कुछ लोग कुबेर और सूर्य देव की उपासना भी करते हैं. कुछ लोग तो दान धर्म के कार्य और और रत्न धारण भी कर लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तमाम उपासनाओं में श्री सूक्तम का पाठ सर्वोत्तम माना जाता है. लेकिन इसके लिए नियमों और सावधानियों का पालन करना भी बहुत जरूरी होता है. तभी आपको इसका पूर्ण लाभ मिल पाता है.

क्या है श्री सूक्तम?
श्री सूक्तम देवी लक्ष्मी की आराधना करने के लिए उनको समर्पित मंत्र हैं. इसे 'लक्ष्मी सूक्तम्' भी कहते हैं. यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है. इसका पाठ धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है. श्रीसूक्त में 15 ऋचाएं हैं और माहात्म्य सहित 16 ऋचाएं मानी गई हैं. किसी भी स्त्रोत का बिना माहात्म्य के पाठ करने से फल नहीं मिलता है. इसलिए सभी 16 ऋचाओं का पाठ करना जरूरी है. ऋग्वेद में वर्णित श्री सूक्त के द्वारा जो भी श्रद्धापूर्वक लक्ष्मी का पूजन करता है, वह सात जन्मों तक निर्धन नहीं होता है.

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कैसे करें श्री सूक्तम का पाठ?
मां लक्ष्मी का एक चित्र स्थापित करें. उनके सामने घी का दीपक जलाएं. इसके बाद श्री सूक्तम का पाठ करें. हर श्लोक के बाद मां लक्ष्मी को पुष्प या इत्र अर्पित करें. पाठ पूरा हो जाने के बाद मां की आरती करें. मां लक्ष्मी के साथ श्री हरि की पूजा जरूर करें. अगर रोज ऐसा न कर पाएं तो शुक्रवार या पूर्णिमा को इसका पाठ करें.

सावधानियां 
ध्यान रखें कि लाल या गुलाबी आसन पर बैठकर ही श्री सूक्तम का पाठ करना चाहिए. पाठ सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करें. कभी भी अकेले लक्ष्मी जी की पूजा न करें. आपके साथ घर के सदस्यों का होना भी जरूरी है. पाठ के बाद अगले पांच मिनट तक जल का स्पर्श न करें.


 

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