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Surya Grahan 2024 Date: सोमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण आज, जानें भारत में सूतक काल लागू होगा या नहीं

Surya Grahan 2024 Timing India: भारतीय समयानुसार, साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा. सूर्य ग्रहण का समापन रात 02 बजकर 22 मिनट पर होगा. इस सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 10 मिनट होगी. संयोगवश यह सूर्य ग्रहण सोमवती अमावस्या पर लग रहा है.

सोमवती अमावस्या पर कल लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें भारत में सूतक काल लगेगा या नहीं सोमवती अमावस्या पर कल लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें भारत में सूतक काल लगेगा या नहीं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

Surya Grahan 2024 Timing India: साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या (Somvati amavasya 2024) के दिन लग रहा है. यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar eclipse 2024) है, जो करीब 54 साल बाद लग रहा है. इससे पहले ऐसा सूर्य ग्रहण 1971 में दिखाई दिया था. सोमवती अमावस्या पर दान-स्नान का विशेष महत्व होता है. ऐसे में लोग चिंतित हैं कि सूर्य ग्रहण के चलते वो सोमवती अमावस्या पर दान और स्नान कैसे करेंगे. आइए जानते हैं कि यह सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को कितने बजे लगेगा. इस सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा या नहीं. और सूर्य ग्रहण व सोमवती अमावस्या के संयोग में कौन से उपाय आपको लाभ दे सकते हैं.

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कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण? (Surya Grahan 2024 Date and Time)
भारतीय समयानुसार, साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा. सूर्य ग्रहण का समापन रात 02 बजकर 22 मिनट पर होगा. इस सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 10 मिनट होगी.

क्या भारत में लगेगा सूतक काल? (Surya Grahan 2024 Sutak Kaal)
सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल में पूजा-पाठ की मनाही होती है. लेकिन सूतक काल केवल तभी मान्य होता है, जब सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान हो. चूंकि साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी लागू नहीं होगा.

सोमवती अमावस्या पर कैसे होगा दान-स्नान?
इस बार सूर्य ग्रहण के चलते सोमवती अमावस्या पर स्नान को लेकर लोग बहुत कन्फ्यूज है. चूंकि सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है, इसलिए लोग अभी तक यही सोच रहे हैं कि वे पवित्र नदियों में स्नान कर सकेंगे या नहीं. ज्योतिषविदों का कहना है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए आप बेझिझक आस्था की डुबकी ले सकेंगे.

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सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा? (Surya Grahan 2024 When and where watch)
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में ही दृश्यमान होगा.

साल का पहला सूर्य ग्रहण सोमवती अमावस्या के दिन लगने वाला है. सोमवती अमावस्या का संबंध पितरों की कृपा पाने के लिए विशेष माना गया है. इस दिन पितरों की शांति के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाने चाहिए.

उपाय (Surya Grahan 2024 Upay)
पितरों के आर्शीवाद और राहु की शांति के लिए चावल, दूध और चीनी की खीर बनाएं. मिट्टी के बर्तन में खीर दक्षिण दिशा की ओर रखें. 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें. फिर दक्षिण की ओर ही मुंह करके प्रार्थना करें. खीर को किसी निर्धन व्यक्ति को दान कर दें. पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और राहु की समस्या दूर होगी. इसके अलावा, मंत्र जाप, सिद्धि साधना और दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति होती है. ये उपाय भले ही बहुत छोटा लग रहा है, लेकिन ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इसके प्रभाव से पितरों को प्रसन्नता और शांति मिलती है. और कुंडली में राहु की स्थिति भी अच्छी हो जाती है.

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सूर्य ग्रहण का धार्मिक इतिहास (Surya Grahan 2024 History)
सूर्य ग्रहण की धार्मिक मान्यता पुराणों के अनुसार पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण समुद्र मंथन के समय हुआ था. रामायण के अरण्य कांड में भी सूर्य ग्रहण का उल्लेख मिलता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने खर-दूषण का वध इसी दिन किया था. महाभारत काल में जिस दिन पांडव जुए में हारे थे, उस दिन भी सूर्य ग्रहण लगा था. महाभारत युद्ध के 14वें दिन सूर्य ग्रहण था. इसके अलावा, जब अर्जुन ने जयद्रथ का वध किया था और जब कृष्ण नगरी द्वारका डूबी थी, तब भी सूर्य ग्रहण था.

सूर्य ग्रहण में इन बातों का रखें ख्याल (Surya Grahan 2024 Precautions)

1. यदि सूर्य ग्रहण आपकी राशि में लग रहा है या आपकी राशि पर उसका अशुभ प्रभाव पड़ रहा है तो पूरी कोशिश करें कि आप सूर्य ग्रहण को किसी भी रूप में न देखें.

2. गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और पीड़ित लोगों को सूर्य ग्रहण में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

3. सूर्य ग्रहण में सूर्य देव, भगवान शिव या किसी अन्य देवी देवता की पूजा-अर्चना करें. लेकिन इस दौरान मूर्ति का स्पर्श करने से बचें. आप मन में ईश्वर का नाम ले सकते हैं या मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं.

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4. सूर्य ग्रहण के दौरान आप "ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।" मंत्र का जाप कर सकते हैं.

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