
Diwali and Surya Grahan Date: दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन लोग आर्थिक संपन्नता का वरदान पाने के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं. इस बार दिवाली सोमवार, 24 अक्टूबर यानी आज मनाई जा रही है. जबकि मंगलावर, 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा. ऐसे में ज्योतिषियों ने लोगों को संभलकर त्योहार मनाने की सलाह दी है, क्योंकि ग्रहण का सूतक काल आज रात दिवाली के बाद ही लग जाएगा.
दिवाली और सूर्य ग्रहण का क्या है मामला? (Diwali and surya grahan timing)
दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. इस साल कार्तिक अमावस्या 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. 25 अक्टूबर को ही साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा. इसलिए दीपावली का त्योहार सूतक काल से पहले मना लेना ही उचित है.
सूर्य ग्रहण का सूतक काल (Surya Grahan 2022 Sutak Kaal)
भारत में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दोपहर 04 बजकर 29 मिनट से आरंभ हो जाएगा और लगभग 06 घंटे 09 मिनट तक रहेगा. ग्रहण का समापन 6 बजकर 32 मिनट पर होगा. ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल में किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. यहां तक कि इसमें मंदिर के कपाट भी बंद ही रहते हैं.
चूंकि ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है. इसलिए आगामी ग्रहण का सूतक दिवाली की रात करीब ढाई बजे से शुरू हो जाएगा. इसके बाद आप किसी तरह का शुभ कार्य नहीं कर पाएंगे. यही वजह है कि इस बार गोवर्धन पूज दिवाली के अगले दिन की बजाए दूसरे दिन होगी. ऐसा 27 साल बाद होगा जब ग्रहण के चलते गोवर्धन पूजा दिवाली के बाद एक दिन छोड़कर मनाई जाएगी.
भारत में कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022 Visibility In India)
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण यूरोप, नॉर्थ ईस्ट अफ्रीका और वेस्ट एशिया में दिखाई देगा. भारत की बात करें तो साल का अंतिम सूर्य ग्रहण को नई दिल्ली, बेंगलुरू, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वराणसी और मथुरा जैसे शहरों में दिखेगा. जबकि, मेघालय के दाईं और असम राज्य के गुवाहाटी के आसपास के बाएं हिस्सों में ये सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा.
सूर्य ग्रहण में कैसे करें बचाव
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण तुला राशि में लगने वाला है. सूर्य ग्रहण के समय सिर्फ बुजुर्ग, गर्भवती स्त्रियों, रोगियों और बच्चों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. इन्हें घर से बाहर न जाने दें. नग्न आंखों से ग्रहण के दर्शन न करने दें. इस अवधि में कुछ भी खाने-पीने से बचें. विशेषकर बासी भोजन तो बिल्कुल न खाएं. संभव हो तो घर में बैठकर हनुमान चालीसा आदि का पाठ कर सकते हैं. उससे ग्रहण असर उनके ऊपर प्रभावहीन रहेगा.