Advertisement

Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण के दिन बरतनी चाहिए ये सावधानियां, नहीं पड़ेगा बुरा प्रभाव

Surya Grahan 2022: आज साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. ये ग्रहण आज रात 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर खत्म होगा. ये आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. ये ग्रहण आज अमावस्या के दिन लग रहा है. ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा ऐसे में यहां इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.

Solar Eclipse April 2022 Solar Eclipse April 2022
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST
  • साल का पहला सूर्य ग्रहण आज
  • ग्रहण के दौरान पीड़ित होता है सूर्य
  • बरतनी चाहिए कुछ सावधानियां

Surya Grahan 2022: साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल यानी आज लगेगा. ये ग्रहण (Surya Grahan April 2022 India Timing) रात 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रह को जगत का ऊर्जा कारक और आत्मा माना जाता है. सूर्य पर जब ग्रहण लगता है तो वो पीड़ित हो जाता है. सूर्य ग्रहण का असर हर राशि के जातकों पर पड़ता है. आज लगने वाला ये सूर्य ग्रहण आंशिक होगा. आंशिक ग्रहण के दौरान, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है. आंशिक ग्रहण में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक पूर्ण सीधी रेखा में नहीं होते हैं. 

Advertisement

कहां-कहां दिखाई देगा आंशिक सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022 Visibility in India)- साल का पहला सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के अतिरिक्त अटलांटिक क्षेत्र, प्रशांत महासागर और दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी भागों में दिखाई देगा. ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए भारत में इस ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा.

सूर्य ग्रहण के दौरान बरतनी चाहिए ये सावधानियां (Surya Grahan precaution)- आज रात में लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन ज्योतिषविदों का कहना है कि ग्रहण एक खगोलीय घटना है और सूर्य के पीड़ित होने का असर सभी जातकों पर पड़ता है. ऐसे में ग्रहण काल के दौरान हर किसी को कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान पका हुआ अन्न और कटी हुई सब्जियां दूषित हो जाती हैं. इसलिए ग्रहणकाल पर कुछ खाने से बचना चाहिए. खासतौर से गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

Advertisement

माना जाता है ग्रहण के दौरान नकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ जाती है, इसलिए इस समय कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए. ग्रहण काल में स्नान और जप करना चाहिए. ग्रहण के मध्य काल में यज्ञ और देव पूजा करना उत्तम माना जाता है. ग्रहण के मोक्ष होने के समय दान करना चाहिए और पूर्ण रूप से ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके स्वयं को पवित्र करना चाहिए. ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें. 

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement