
महाकाल की नगरी उज्जैन में आज का दिन बड़ा अहम दिन है. आज भगवान महाकाल के विवाह समारोह का रिसेप्शन आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम आने वाले एक लाख से ज्यादा मेहमानों के लिए 91 तरह के व्यंजन तैयार करवाए गए हैं.
महाकाल मंदिर से जुड़े पुजारियों ने बताया कि नगर भोज की यह परंपरा साल 2000 में शुरू की गई थी. भोज का आयोजन दोपहर 2 बजे से शुरू होकर रात 2 बजे तक चलेगा.
इससे पहले शिव के गण बारात यानी भूत प्रेत, दैत्य, पिशाच, नाग नागिन, डाकिन शाकिन, श्रृंगी, नंदी, भैरव, चंदिस, वीरभद्र, मणिभद्र, गोकर्ण, घंटाकर्ण, भृगिरिटी, शैल, जय और विजय बारात लेकर छत्रपति गणेश महाकाल मंडपम पहुंचेंगे.
इस विवाह उत्सव के दौरान भगवान महाकाल को 91 प्रकार तरह के पकवानों का भोग लगाया जाएगा. 13 भट्टियों पर 36 हलवाइयों की टीम भोज तैयार कर रही है. करीब एक लाख से ज्यादा लोग भोज ग्रहण करेंगे.
सेहरा सजाकर महाकाल बने थे दूल्हा
बता दें कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान महाकाल के विवाह का दिन होता है. बीते 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर उज्जैन में वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्म आरती की गई थी. महाशिवरात्रि के दूसरे दिन तड़के बाबा का शृंगार कर उन्हें दूल्हे रूप में सजाया गया था. बाबा महाकाल को स्वर्ण के आभूषण, स्वर्ण का चंद्रमा, स्वर्ण का त्रिपुंड, स्वर्णकार तिलक लगाकर दूल्हा बनाया गया.
इसके पश्चात सप्तधान्य अर्पण किया गया. इसके बाद सवा मन आपके फूलों का सेहरा चढ़ाया गया और सवा लाख बेलपत्र अर्पित की गई. दोपहर को बाबा का सेहरा उतारा गया और भगवान पुनः निराकार रूप में आ गए. पंचामृत पूजन अर्चन के बाद महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा भस्मारती की गई थी.