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Utpanna Ekadashi 2023: मार्गशीर्ष माह की पहली एकादशी कब? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Utpanna Ekadashi 2023: इस बार उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ रही है. उत्पन्ना एकादशी को उत्पत्ति एकादशी के नाम से जाना जाता है. उत्पन्ना एकादशी के इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु के भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. यह एकादशी मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाती है.

उत्पन्ना एकादशी 2023 उत्पन्ना एकादशी 2023
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST

Utpanna Ekadashi 2023: साल में 24 एकादशी आती हैं और हर महीने में 2 एकादशी पड़ती हैं. हर एकादशी का खास महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत 8 दिसंबर, शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था. इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. एकादशी माता भगवान विष्णु का ही स्वरूप मानी जाती हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि मार्गशीर्ष माह की एकादशी भगवान विष्णु की बेहद प्रिय मानी जाती है.   

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उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)

एकादशी तिथि की शुरुआत 8 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 6 मिनट से शुरू होगी और समापन 9 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर को ही मनाई जाएगी. उत्पन्ना एकादशी का पारण 9 दिसंबर को दोपहर में 1 बजकर 16 मिनट से लेकर 3 बजकर 20 मिनट पर होगा. 

उत्पन्ना एकादशी पूजन विधि (Utpanna Ekadashi Pujan Vidhi)

उस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करने के बाद दीप जलाएं. भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और फिर उन्हें नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, पंचामृत, अक्षत, चंदन और मिष्ठान अर्पित करें. उसके बाद भगवान की आरती करें और भोग लगाएं.

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इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं. इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें. इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें और संभव हो तो व्रत भी रखें.

उत्पन्ना एकादशी पर जरूर करें ये काम 

1. उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें. 
2. इस दिन भगवान विष्णु को गेंदे की माला या फूल अर्पित करें और साथ में बेसन के हलवे या किसी पीली मिठाई का भोग लगाएं. 
3. एकादशी पर पीले फलों, अन्न और वस्त्र का दान करें. 
4. एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा जरूर करें और शंख में जल भर कर घर में छिड़काव करें. 
5. एकादशी के दिन सुबह भगवान की पूजा के बाद पीपल के पेड़ की पूजा कर उसपर कच्चा दूध चढ़ाएं. 
6. एकादशी पर शाम को घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से आपके घर में सुख और समृद्धि आएगी. 
7. इस दिन भगवान विष्णु को केसर वाली खीर चढ़ाएं और उसमें तुलसी दल जरूर डालें. भोग लगी खीर का प्रसाद गरीब बच्चों को खिलाएं. 

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