
देशभर में नवरात्रि का त्योहार जोरों-शोरों से मनाया जा रहा है. इस पर्व में नौं दिनों तक माता के 9 रूपों की खास पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान देवी मां प्रसन्न होकर भक्तों पर असीम कृपा बरसाती हैं, जिसके बाद उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. नवरात्र के दिनों में उत्तराखंड की धारी देवी मंदिर की भी काफी मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रों में इंसान जो भी इच्छा लेकर वहां जाता है, खाली हाथ वापस नहीं लौटता है. इस मंदिर की खास बात है कि यहां विराजमान देवी मां की प्रतिमा तीन बार रूप बदलती हैं.
मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों का दावा है कि देवी मां का रूप दिन में तीन बार अलग-अलग प्रकार का देखने को मिलता है. ऐसा दावा है कि मंदिर में सुबह के समय मां धारी देवी की मूर्ति एक कन्या की तरह नजर आती है.
वहीं दोपहर के समय वह मूर्ति एक युवती के रूप में नजर आने लगती है तो वहीं शाम के समय में मां धारी देवी की मूर्ति एक बूढ़ी महिला के रूप में आ जाती है. आजतक कोई भी मंदिर के इस रहस्य को नहीं सुलझा पाया है.
धारी देवी मंदिर में भक्तों की हमेशा भीड़ जुटी रहती है. दूर-दूर से भक्त और पर्यटक माता के दर्शन के लिए मंदिर आते हैं. खासतौर पर नवरात्रि के दौरान तो मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है.
नवरात्र पर मंदिर में विशेष पूजा का प्रावधान है. इसके अनुसार ही मंदिर में पूजा सुबह चार बजे शुरू कर दी जाती है. हर साल अष्टमी और नवमी में श्रद्धालुओं और मंदिर समिति की ओर से भंडारे का आयोजन किया जाता है.