Vat Savitri Vrat 2022: पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने वाली सुहागिनें यहां जानें सही पूजन विधि

Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि वट सावित्री का व्रत करवा चौथ जितना ही फलदायी होती है. इस साल वट सावित्री का व्रत सोमवार, 30 मई को रखा जाएगा. इस वर्ष जो महिलाएं पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें इसके नियम, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में पता होना चाहिए.

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Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री का व्रत पहली बार रखने जा रही सुहागिनें ये जरूर बातें रखें याद, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त (Photo: Getty Images) Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री का व्रत पहली बार रखने जा रही सुहागिनें ये जरूर बातें रखें याद, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त (Photo: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST
  • पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने वाली सुहागिनें ये बातें याद रखें
  • 30 मई को रखा जाएगा वट सावित्र का व्रत

Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि वट सावित्री का व्रत करवा चौथ जितना ही फलदायी होती है. इस साल वट सावित्री का व्रत सोमवार, 30 मई को रखा जाएगा. इस वर्ष जो महिलाएं पहली बार वट सावित्री का व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें इसके नियम, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में पता होना चाहिए.

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वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाओं को सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त होता है. यह उपवास ना सिर्फ पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है, बल्कि इससे घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता भी आती है. वट सावित्री का पर्व इस साल बेहद खास रहने वाला है. वट सावित्री के दिन सोमवती अमावस्या और शनि जयंती भी मनाई जाएगी. इसके अलावा, सुबह के वक्त सर्वार्थ सिद्धि योग और सुकर्मा योग भी लग रहा है. ऐसे शुभ संयोग में वट सावित्री का व्रत रखना अपने आप में लाभकारी होगा.

पूजन सामग्री (Vat Savitri Vrat Puja Samagri)
वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाओं को दो टोकरियों में पूजा का सामान सजाकर रखना चाहिए. इसमें सावित्री और सत्यवान की मूर्ति, कलावा, बरगद का फल, धूप, दीपक, फल, फूल, मिठाई, रोली, सवा मीटर का कपड़ा, बांस का पंखा, कच्चा सूत, इत्र, पान, सुपारी, नारियल, सिंदूर, अक्षत, सुहाग का सामान, भीगा चना, कलश, मूंगफली के दाने, मखाने का लावा जैसी चीजें शामिल होती हैं.

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पूजन विधि (Vat Savitri Vrat Pujan Vidhi)
वट सावित्री व्रत के दिन सुबह-सुबह दोनों टोकरियों का सामान लेकर बरगद के पेड़ के पास जाएं. सबसे पहले बरगद के पेड़ को जल अर्पित करें. इसके बाद पेड़ पर रोली और कुमकुम का तिलक करें. फिर कच्चा सूत बांधकर बरगद की सात बार परिक्रमा करें. बरगद के वृक्ष की आरती करें और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें.

शुभ मुहूर्त (Vat Savitri Vrat Shubh Muhurt)
अमावस्या तिथि रविवार, 29 मई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से लेकर सोमवार, 30 मई को शाम 4 बजकर 59 पर समाप्त होगी, लेकिन उदिया तिथि होने के कारण व्रत 30 मई को ही रखा जाएगा. इस दिन सुबह 7 बजकर 12 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू होकर 31 मई सुबह 5 बजकर 08 मिनट तक रहेगा.

 

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