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Vinayak Chaturthi 2022 Date: आज है मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Vinayak Chaturthi 2022: मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी बड़ी ही खास मानी जाती है. भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन का पूजन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. विनायक चतुर्थी व्रत सभी हानिकारक प्रभावों को दूर करने के लिए किया जाता है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी क्यों हैं इतनी खास.

विनायक चतुर्थी (PC: Getty Images) विनायक चतुर्थी (PC: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

Vinayak Chaturthi 2022: हिंदू धर्म में कुछ ऐसे भी व्रत होते हैं जो प्रत्येक माह किए जाते हैं. इन्हीं में से एक व्रत है गणेश चतुर्थी का व्रत. भगवान गणेश को समर्पित यह व्रत इस बार मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाएगा. भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन का पूजन बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है. जो कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा के साथ विनायक चतुर्थी का व्रत करता है, भगवान गणेश उसे ज्ञान, समृद्धि, सौभाग्य, बुद्धि आदि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इस बार मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी 27 नवंबर 2022 यानी आज के दिन मनाई जा रही है. 

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मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी का महत्व (Vinayak Chaturthi 2022 Importance)

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. विनायक चतुर्थी सभी हानिकारक प्रभावों को दूर करने के लिए मनाई जाती है. भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, वस्त्र और अन्य मिठाई का भोग लगाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस व्रत को बड़ी भक्ति और समर्पण के साथ करते हैं, भगवान गणेश उन्हें सुख, समृद्धि, सौभाग्य और धन का आशीर्वाद देते हैं. भगवान गणेश भक्तों के जीवन से सभी बुरे प्रभावों को भी दूर करते हैं. यह भी माना जाता है कि जिन लोगों की संतान नहीं है, उन्हें भी इस दिन उपवास रखना चाहिए. 

मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi 2022 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी 26 नवंबर 2022 शनिवार को शाम 07 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन 27 नवंबर 2022 यानी आज शाम 04 बजकर 25 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी व्रत 27 नवंबर को ही मनाई जा रही है.  

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मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पूजन विधि (Vinayak Chaturthi 2022 Pujan Vidhi)

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करें और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें. इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें. इस दिन की पूजा में जटा वाला नारियल और भोग में मोदक अवश्य शामिल करें. इसके अलावा पूजा में भगवान गणेश को गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पित करें. धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करने के बाद " ऊं गं गणपतये नमः " मंत्र का उच्चारण करें. भगवान गणेश की कथा पढ़ें, आरती करें, पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद अवश्य वितरित करें. शाम के समय भी गणेश जी का पूजन करें. 

मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी उपाय (Vinayak Chaturthi 2022 Upay)

1. इस दिन की पूजा में भगवान गणेश को दूर्वा की माला अर्पित करें. उन्हें घी और गुड़ का भोग लगाएं. धन प्राप्ति या रुके हुए धन को वापस पाने की प्रार्थना करें. पूजा के बाद घी और गुड़ किसी गाय को खिला दें या फिर ज़रुरतमंदों में वितरित कर दें. ऐसा आपको पांच विनायक चतुर्थी के दिन करना है.

2. जीवन से किसी भी तरह के कष्ट और परेशानियां दूर करने के लिए भगवान गणेश के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं. इसके अलावा जितनी आपकी उम्र हो उतने लड्डू भी इस दिन की पूजा में शामिल करें. पूजा करने के बाद एक लड्डू खुद खाएं और बाकी लोगों में बांट दें. इसके अलावा भगवान सूर्यनारायण के सूर्यअष्टक का 3 बार पाठ करें.

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3. अपने बच्चों को सही राह पर लाने के लिए इस दिन की पूजा में गणपति भगवान को पांच मोदक और पांच लाल गुलाब और दूर्वा अर्पित करें. शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं. इसके बाद पूजा करें. पूजा के बाद एक मोदक प्रसाद के रूप में अपने बच्चे को खिला दें और बाकी मोदक अन्य बच्चों या जरूरतमंदों के बीच वितरित कर दें.

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