
Vivah Panchami 2021: मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस दिन की बड़ी मान्यता है. रामायण और रामचरितमानस के अनुसार, भगवान राम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को ही हुआ था. विवाह पंचमी पर इस बार ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग भी बन रहा है. ज्योतिषविदों की मानें तो इस शुभ घड़ी में भगवान राम और माता सीता की पूजा और आराधना से दांपत्य जीवन खुशियों से भर सकता है.
शुक्र संक्रांति पर विवाह पंचमी
इस साल विवाह पंचमी 8 दिसंबर को मनाई जा रही है और इसी दिन शुक्र संक्रांति भी है. सुखों के प्रदाता शुक्र ग्रह आज मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. एक और खास बात ये कि मकर राशि में शनि और चंद्रमा पहले से ही बैठे हुए हैं. ऐसे में शुक्र के साथ शनि और चंद्रमा की उपस्थिति मकर राशि में त्रिग्रही योग का निर्माण करेगी.
श्रवण नक्षत्र और ध्रुव योग
ज्योतिषियों की मानें तो इस बार विवाह पंचमी पर श्रवण नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है. इस दिन ध्रुव नाम का योग बना हुआ है. श्रवण नक्षत्र और शुभ योग से बन रहा संयोग बहुत अच्छा माना जा रहा है. ये संयोग लोगों को भाग्यवान बनाएगा और उन्नति के मार्ग प्रशस्त करेगा. इस दिन किसी नए काम की शुरुआत लंबे समय तक उत्तम परिणाम दे सकती है.
विवाह पंचमी और रवि योग
इस बार रवि योग भी विवाह पंचमी की शुभता को बढ़ा रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभता को नष्ट करने वाला योग बताया गया है. यानी विवाह पंचमी और रवि योग के संयोग में आप नया काम, नई दुकान, भवन निर्माण जैसे कार्य शुरू करवा सकते हैं.
विवाह पंचमी पर ना करें शादी
विवाह पंचमी के दिन शादी करना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि विवाह के बाद देवी सीता को जीवन के सबसे कठिन पड़ाव से गुजरना पड़ा था. वो अधिकांश समय भगवान राम से दूर ही रहीं, इसलिए माता-पिता को इस दिन बेटी का विवाह करने से परहेज करना चाहिए. विवाह को छोड़कर आप तमाम शुभ कार्यों के लिए आगे बढ़ सकते हैं.