बसंत पंचमी का दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विधान है. सरस्वती मां को ज्ञान, कला और संगीत की देवी कहा जाता है. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है. बसंत पंचमी दिन स्नान का भी खास महत्व माना जाता है. इस बार बसंत पंचमी का पर्व 30 जनवरी को यानी आज मनाया जा रहा है.
इसी दिन से बसंत ऋतु की भी शुरुआत हो जाती है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. आज के दिन कुछ कार्यों को वर्जित माना जाता है. इसलिए इस दिन कुछ चीजों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
इस दिन भूलकर भी काले और लाल रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने का अधिक महत्व होता है.
इस दिन मांस मछली से दूर ही रहें. केवल सात्विक भोजन ही करें. बसंत पंचमी के दिन शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
बसंत पंचमी फसल और हरियाली का त्योहार है इसलिए इस दिन पेड़ या फसल नहीं काटना चाहिए. घर को पौधों को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
बसंत पंचमी के दिन स्नान किए बिना कोई भी कार्य न करें. सुबह उठकर सबसे पहले स्नान कर के मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करें और उसके बाद ही कुछ खाएं.
इस दिन गुस्सा करने से बचें और अपनी वाणी पर काबू रखें. अनजाने में भी किसी का अपमान न करें और किसी को भी अपशब्द बोलने से बचें.
बसंत पंचमी की पूजा विधि
सुबह-सुबह नहाकर मां सरस्वती की वंदना करें. पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबें रखें और बच्चों को भी अपने साथ पूजा स्थल पर बैठाएं.
मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें और हरे, पीले रंग के फल चढ़ाएं.
मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा. इस दिन पीले चावल या पीले रंग का भोजन करें.