बुध ग्रह सोमवार, 17 अगस्त को कर्क से कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है. बुध का यह राशि परिवर्तन इसलिए भी खास है, क्योंकि सिंह राशि में आने से बुधादित्य योग बन रहा है. बुध 17 सितंबर तक इसी राशि में रहने वाले हैं. ज्योतिषविदों का कहना है कि सूर्य के साथ सिंह राशि में बुध के आने से वृषभ, सिंह, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों को बड़ा लाभ होगा. आइए जानते हैं इस राशि परिवर्तन से किन राशियों को लाभ होने जा रहा है.
मेष- बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होगा. इस भाव से बुद्धि,
संतान, ज्ञान, आदि के बारे में विचार किया जाता है. यह गोचर उन जातकों के
लिए अति शुभ रहेगा जो अपनी रचनात्मक खूबियों को अपने व्यवसाय में बदलना
चाहते हैं. आपका स्वास्थ्य इस दौरान अच्छा रहेगा.
वृषभ- वृषभ राशि
के जातकों के चतुर्थ भाव में बुद्धि के देवता बुध का गोचर होगा. इस गोचर के
चलते आपको पारिवारिक जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होगी. इस भाव से माता,
आवास, सुख-सुविधाओं के बारे में भी विचार किया जाता है. यह गोचर आपकी माता
के लिए भी शुभ साबित होगा. यदि वो नौकरी पेशा हैं तो उन्हें शुभ फलों की
प्राप्ति हो सकती है.
मिथुन- बुध देव आपकी राशि से तृतीय भाव में
गोचर करेंगे. इस भाव से आपके साहस, पराक्रम, छोटे भाई-बहनों से आपके संबंध,
लघु यात्राएं आदि के बारे में विचार किया जाता है. आप अपनी वाणी से लोगों
को प्रभावित करने में कामयाब होंगे. इस राशि के जातकों के लिए यात्राएं
करना भी इस दौरान शुभ रहेगा. यदि आप काम के संबंध में यात्रा करते हैं तो
फायदा हो सकता है.
कर्क- कर्क राशि के जातकों के द्वितीय भाव में
बुध राशि का गोचर होगा. यह भाव आपकी संपत्ति, परिवार, वाणी, उद्देश्य आदि
के बारे में जानकारी देता है. इस गोचर के दौरान आपको पारिवारिक जीवन में
कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. घर के किसी सदस्य की खराब तबीयत
आपके मानसिक तनाव का कारण बन सकती है.
सिंह- बुध ग्रह का गोचर आपके
लग्न भाव में होगा. लग्न भाव से हम आपके व्यक्तित्व, आत्मा, शरीर,
स्वास्थ्य, चरित्र, बुद्धि आदि के बारे में विचार करते हैं. इस भाव में बुध
ग्रह के गोचर से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी. आपकी महत्वकांक्षाएं
बढ़ेंगी और उन्हें पाने की भी आप पूरी कोशिश करेंगे. इस राशि के
विद्यार्थियों के लिए यह समय बहुत अनुकूल रहेगा आप नई-नई चीजें सीखना
चाहेंगे.
कन्या- पृथ्वी तत्व की राशि कन्या के जातकों के लिए बुध
ग्रह का गोचर आपके द्वादश भाव में होगा. यह भाव हानि, अनावश्यक खर्चों आदि
का होता है. बुध के इस गोचर के दौरान कन्या राशि के जातकों को बहुत संभलकर
रहने की जरुरत है. आपको गलत बोलने से बचना चाहिए और गलत संगति से दूर रहना
चाहिए.
तुला- तुला राशि के जातकों के एकादश भाव में बुध ग्रह का
गोचर होगा. इस भाव को लाभ भाव भी कहा जाता है और इससे आपकी कामनाओं,
मित्रों आदि के बारे में विचार किया जाता है. तुला राशि के लोगों के लिए
बुध का यह गोचर कई सौगातें लेकर आएगा. आपकी कामनाओं की पूर्ति इस दौरान
होगी. इस राशि के कई जातकों को इस समय अपने पिता और सरकार से लाभ की
प्राप्ति हो सकती है.
वृश्चिक- वृश्चिक राशि के जातकों के दशम भाव
में बुध ग्रह का गोचर होगा. इस भाव से आपके कर्मों पर विचार किया जाता है
और साथ ही इससे आपके कार्यक्षेत्र, नेतृत्व गुण, सम्मान, सफलता आदि के बारे
में भी विचार किया जाता है. वृश्चिक राशि के उन लोगों के लिए बुध का यह
गोचर बहुत अच्छा रहेगा जो किसी ऐसे व्यवसाय में हैं जिसमें पब्लिक डीलिंग
होती है.
धनु- बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से नवम भाव में होगा. इस
भाव को धर्म और भाग्य का भाव कहा जाता है. इस भाव में बुध के गोचर से धनु
राशि के लोगों को जीवन के कई क्षत्रों में लाभ की प्राप्ति होगी. आपके अटके
काम इस दौरान पूरे हो सकते हैं जिससे आपकी कई परेशानियां दूर होंगी.
पारिवारिक जीवन में यदि किसी अन्य सदस्य के साथ कोई मतभेद था तो वो भी इस
समय में दूर हो सकता है.
मकर- शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि के
जातकों के अष्टम भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा. इस भाव को आयुर भाव भी कहा
जाता है और इससे जीवन में आने वाली बाधाओं, शोध, दुर्घटना आदि के बारे में
विचार किया जाता है. इस भाव में बुध का गोचर उन जातकों के लिए अच्छा रहेगा
जो शोध कर रहे हैं. नौकरी पेशा और कारोबारियों को इस दौरान अपने शत्रुओं से
बहुत संभलकर रहने की जरुरत है आपका शत्रु पक्ष इस दौरान सक्रिय हो सकता
है.
कुंभ- वायु तत्व की राशि कुंभ के जातकों के लिए बुध ग्रह का
गोचर सप्तम भाव में होगा. यह भाव विवाह और जीवन में होने वाली साझेदारियों
का होता है. बुध के इस गोचर के दौरान आप कुछ नए लोगों से जुड़ सकते हैं और
उनसे नई चीजें सीख सकते हैं. इस राशि के जो जातक काम के सिलसिले में यात्रा
कर रहे हैं, उन्हें भी शुभ फलों की प्राप्ति इस दौरान हो सकती है.
मीन-
मीन राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर उनके षष्ठम भाव में होगा. षष्ठम
भाव को रिपु भाव भी कहा जाता है और इससे ऋण, विवाद, अभाव, चोट, बदनामी आदि
के बारे में विचार किया जाता है. षष्ठम भाव में बुध ग्रह के गोचर के दौरान
आपको अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. उनकी सेहत
बिगड़ने की संभावना है, उन्हें कोई तकलीफ है तो तुरंत किसी अनुभवी डॉक्टर
से सलाह लें.