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धर्म

महादेव ने माता पार्वती को बताए थे 5 रहस्य, खुशहाल जीवन के छिपे हैं मंत्र

aajtak.in
  • 20 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST
महादेव ने माता पार्वती को बताए थे 5 रहस्य, खुशहाल जीवन के छिपे हैं मंत्र
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महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 21 फरवरी (शुक्रवार) को मनाया जा रहा है. भोले भंडारी के चमत्कार उनके भक्तों से कभी छिपे नहीं है. हालांकि अभी भी कई लोग उन रहस्यों से अंजान हैं जो कभी उन्होंने माता पार्वती के साथ साझा थे. भगवान शिव ने पार्वती माता को जो पाठ पढ़ाए, वे मानव जीवन, परिवार, और शादीशुदा जिंदगी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. भगवान शिव ने पार्वती माता को 5 ऐसे चमत्कारिक राज बताए हैं जिन्हें समझ लेने पर आपकी जिंदगी भी बदल सकती है.

महादेव ने माता पार्वती को बताए थे 5 रहस्य, खुशहाल जीवन के छिपे हैं मंत्र
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शिव ना प्रकाश है और ना ही अंधकार. वह शून्य भी है और पदार्थ भी. वह समस्त ब्रहमाण्ड हैं. वह शक्ति के स्रोत हैं. वह शक्ति का हिस्सा है और खुद ही शक्ति भी हैं. शिव पुराण के अनुसार, शिव-शक्ति का संयोग ही परमात्मा है.

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शिव पुराण के मुताबिक, पार्वती मां सती का ही अवतार हैं. राजा हिमावत और रानी मैना की पुत्री पार्वती बचपन से ही शिवभक्त थीं. पार्वती के जन्म पर नारद मुनि ने भविष्यवाणी की थी कि वह भगवान शिव से ही विवाह करेगी. बड़ी होने पर पार्वती की शिव के प्रति भक्ति बढ़ती ही गई. कई सालों की तपस्या और कई बाधाओं को पार करने के बाद शिव और पार्वती का विवाह हुआ.

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सबसे बड़ा गुण और सबसे बड़ा पाप-
एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि मानव का सबसे बड़ा गुण क्या है? मानव सबसे बड़ा पाप कौन सा करता है? भगवान शिव ने इसका उत्तर एक संस्कृत श्लोक से दिया.

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भगवान शिव ने कहा-नास्ति सत्यात् परो नानृतात् पातकं परम्. दुनिया में मान-सम्मान कमाना और हमेशा सत्य वचन बोलना सबसे बड़ा गुण है. भगवान शिव ने पार्वती मां से कहा कि इस दुनिया में सबसे बड़ा पाप बेईमानी और धोखा करना है. धोखा इस दुनिया का सबसे बड़ा पाप है जो मानव करता है. मानव को अपनी जिंदगी में हमेशा ईमानदार रहना चाहिए.

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भगवान शिव ने पार्वती मां को बताया कि मानव को परिश्रम करने के साथ खुद का मूल्यांकन करते रहना चाहिए. मानव को हमेशा अपने कृत्यों और व्यवहार पर खुद ही नजर रखनी चाहिए. किसी को भी ऐसे कामों में लिप्त नहीं होना चाहिए जो नैतिक रूप से गलत हो.

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कभी भी इन तीन कामों को नहीं करें-
भगवान शिव ने मां पार्वती को बताया कि किसी को भी वाणी, कर्मों से और विचार के माध्यम से पाप नहीं करने चाहिए. यानी पापपूर्ण कर्म नहीं करने चाहिए और विचारों और वाणी में भी अशुद्धता नहीं होनी चाहिए. मनुष्य वही काटता है जो वह बोता है. इसलिए हर किसी को अपने जीवन में कर्मों के प्रति विशेष सतर्क रहना चाहिए.

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सफलता का एक मंत्र-
मोह ही सभी समस्याओं की जड़ है. मोह-माया सफलता के रास्ते में बाधा उत्पन्न करती है. जब आप दुनिया की सभी तरह की मोह-मायाओं से मुक्त हो जाते हैं तो आपको अपनी जिंदगी में सफलता प्राप्त करने से कोई रोक नहीं हो सकता है. लेकिन आखिर इस मोह से बचने का क्या उपाय है? भगवान शिव ने पार्वती मां को यह भी बताया.

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सभी तरह के माया जालों से बचने का केवल एक उपाय है कि मानव शरीर की क्षणभंगुरता को समझा जाए और अपने मस्तिष्क को उसी अनुसार ढाला जाए.

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इस एक चमत्कारिक मंत्र से बदल जाएगी आपकी जिंदगी-
भगवान शिव ने पार्वती मां को बताया कि मृगतृष्णा सभी कष्टों का एक मात्र उपाय है. मानव को एक के बाद दूसरी चीजों के पीछे भागने के बजाए ध्यान में मन लगाना चाहिए. कर्म के चक्र और शरीर के बंधन से मुक्ति के लिए ध्यान का अभ्यास करते रहना चाहिए.

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