तंत्र एक प्रक्रिया है जिससे हम अपनी आत्मा और मन को बंधन मुक्त करते हैं. इस प्रक्रिया से शरीर और मन शुद्ध होता है, और ईश्वर का अनुभव करने में सहायता होती है. तंत्र की प्रक्रिया से हम भौतिक और आध्यात्मिक जीवन की हर समस्या का हल निकाल सकते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि एक व्यक्ति तंत्र की सही प्रक्रिया से मष्तिष्क का पूरा इस्तेमाल कर पाता है और अद्भुत शक्तियों के स्वामी बन जाता है.
तंत्र विद्या कब होती है फायदेमंद?
- तंत्र के सही प्रयोग से व्यक्ति को शक्तियां उपलब्ध हो जाती हैं
- इन शक्तियों से व्यक्ति दूसरों की सहायता करता है
- ईश्वर प्राप्ति का प्रयास करता है
- तांत्रिक अपनी तंत्र विद्या के इस्तेमाल से इंसानों के जीवन में चल रही समस्याओं को कम करने का प्रयास करते हैं.
तंत्र विद्या के नुकसान
- कभी कभी कुछ लोग तंत्र से प्राप्त शक्तियों का दुरूपयोग भी करते हैं
- ऐसे लोग दूसरों को परेशान करते हैं और उनके जीवन में समस्याएं पैदा करते हैं
- परन्तु तंत्र की वजह से हर समय समस्या नहीं हो सकती
- ऐसा तभी हो सकता है, जबकि कुंडली में खराब ग्रहों की दशा चल रही हो
- विशेष रूप से राहु, केतु, कमजोर सूर्य या चन्द्र की दशा में
तंत्र विद्या से हैं परेशान? तो ऐसे
- अगर कुंडली में राहु, केतु, खराब सूर्य या खराब चन्द्र की दशा हो
- अगर दशाओं के उपाय करने से भी राहत नहीं मिल पा रही हो
- अगर बिना कारण के मन बुझा बुझा सा रहता हो
- अगर अज्ञात भय सा महसूस होता हो
तंत्र बाधा से मुक्ति के लिए क्या करें उपाय ?
- किसी भी गलत या उलटे सीधे तरीके को न अपनाएँ
- किसी सच्चे संत या गुरु की शरण में जाएँ
- जितना हो सके शिव जी की उपासना करें
- विशेष रूप से शिव जी का चारों वेला ध्यान करें
- खान पान और आचरण शुद्ध रखें
किसी भी नकारात्मक तंत्र-मंत्र से बचने का उपाय
- अपने घर के पूजा स्थान में शिव जी या कृष्ण जी का चित्र जरूर लगाएं
- यह बैठे हुये हों, और आशीर्वाद की मुद्रा में हों
- इससे आप हर तरह के तंत्र के गलत प्रभाव से सुरक्षित रहेंगे.