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धर्म

पवनपुत्र हनुमान की इन 10 बातों से आप होंगे अनजान...

aajtak.in
  • 20 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST
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संकटमोचन हनुमान को कौन नहीं जानता, भक्तों के हर कष्ट को बस नाम लेने से ही हर लेते हैं प्रभु. राम भक्त हनुमान को महाबली माना गया है जो अजर-अमर हैं. ये कुछ ऐसी बातें हैं जो हर कोई जानता है लेकिन अंजनी पुत्र हनुमान के जीवन के कुछ रहस्य ऐसे हैं जिनके बारे में आप शायद न जानते हों.

आइए जानें, हनुमान जी के जीवन की रहस्यमयी बातें...

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1. भगवान शंकर का अवतार
बहुत कम लोग जानते हैं क‍ि हनुमान जी भगवान शंकर का अवतार हैं और वह अपनी माता के श्राप को हरने के लएि पैदा हुए थे.

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2. जब बजरंगबली ने धरा केसरिया रूप
राम भगवान की लंबी उम्र के लिए सीता माता अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं ये बात सुनकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया था. तभी से बजरंगबली को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है.

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3. कैसे पड़ा नाम हनुमान
अपनी ठोड़ी के आकार की वजह से इनका नाम हनुमान पड़ा. संस्कृति में हनुमान का मतलब होता है बिगड़ी हुई ठोड़ी.

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4. ब्रह्मचारी हनुमान पिता भी हैं
राम भक्त हनुमान को सभी ब्रह्मचारी के रूप में जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं क‍ि उनका मकरध्वज नाम का एक बेटा भी था.

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5. जब हनुमान जी से गुस्सा हो गए विश्वामित्र
एक बार भगवान राम के गुरु विश्वामित्र किसी कारणवश हनुमानजी से गुस्सा हो गए और उन्होंने प्रभु राम को हनुमान जी को सजा देने को कहा था.

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6. बाल्मीक‍ि से पहले ही हनुमानजी ने लिख दी थी रामायण
लंका कांड शुरू होते ही हनुमान जी ने हिमालय जाकर वहां के पहाड़ों पर अपने नाखूनों से रामायण लिखनी शुरू कर दी थी. जब रामायण लिखने के बाद बाल्मीक‍ि जी को ये पता चला तो वह हिमालय गए और वहां पर लिखी रामायण पढ़ी.

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7. भीम थे राम भक्त हनुमान के भाई
पवनपुत्र हनुमान के भाई थे भीम क्योंक‍ि वह भी पवनपुत्र के बेटे थे.

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8. जब प्रभु राम की मृत्यु का अर्थ हनुमानजी को समझाना पड़ा
प्रभु राम जानते थे क‍ि उनकी मृत्यु को हनुमानी स्वीकार नहीं कर पाएंगे और इस कारण से कहीं वह धरती पर उथल-पुथल न मचा दें. इससे बचने के लिए उन्होंने ब्रह्मा जी का सहारा लिया और हनुमान जी को शांत रखने के लिए उन्हें पाताल लोक भेज दिया.

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9. जब ह्रदय में प्रकटे राम और सीता
माता सीता ने प्रेम वश एक बार हनुमान जी को एक बहुत ही कीमती सोने का हार भेंट में देने की सोची लेकिन हनुमान जी ने इसे लेने से माना कर दिया. इस बात से माता सीता गुस्सा हो गईं तब हनुमानजी ने अपनी छाती चीर का उन्हें उसे बसी उनकी प्रभु राम की छव‍ि दिखाई और कहा क‍ि उनके लिए इससे ज्यादा कुछ अनमोल नहीं.

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10. 108 नामों में है जीवन का सार
हनुमान जी के संस्कृति  में 108 नाम हैं और हर नाम का मतलब उनके जीवन के अध्ययों का सार बताता है.

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