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अध्यात्म

महर्षि महेश योगी, जो भक्तों को योग के जरिए उड़ना सिखाते थे

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:53 AM IST
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आज योग और आध्यात्मिक गुरु महर्षि महेश योगी जी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है. 5 फरवरी, 2008 को 91 साल की उम्र में उन्होंने नीदरलैंड्स स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली थी. महर्षि योगी का ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन (भावातीत ध्यान) दुनिया भर में लोकप्रिय है.
 

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महर्षि योगी का असली नाम महेश प्रसाद वर्मा था. उनका जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के पांडुका गांव में हुआ था. महर्षि योगी ने इलाहाबाद से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर किया था. उनकी दिलचस्पी शुरू से ही योग और ध्यान की तरफ थी. इसके लिए उन्होंने अपने गुरू से शिक्षा भी ली थी.
 

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देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां उन्हें अपना गुरु मानती हैं. साठ के दशक में ब्रिटेन के मशहूर रॉक बैंड बीटल्स के सदस्य भी महर्षि योगी के अनुयायी थे. उस समय पूरी दुनिया बीटल्स बैंड की दीवानी थी. 
 

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महर्षि योगी के ऋषिकेश आश्रम में देश-विदेश से लोग आकर रहते थे. बीटल्स ग्रुप भी यहां तीन महीने तक रहा था. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह आश्रम बहुत खूबसूरत और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस था लेकिन अब ये जंगल में तब्दील हो चुका है.
 

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बीटल्स की वजह से ही महर्षि योगी को पश्चिमी देशों में पहचान मिली. धीरे-धीरे वहां के लोगों का झुकाव महर्षि योगी के ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन की तरफ बढ़ने लगा और सारी दुनिया उनकी ओर खिंची चली आई. 
 

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विदेशों में हिप्पी संस्कृति के बीच महर्षि योगी ने अपने योग और ध्यान के अद्भुत तरीके से लोगों के बीच जगह बनाई थी. भारत की बजाय विदेशों में ज्यादा अनुयायी होने पर भी उनका अपना एक तर्क था.

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बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में महर्षि योगी ने कहा था, 'पश्चिमी देशों में लोग किसी चीज के पीछे वैज्ञानिक कारण देखते हैं तो उसे तुरंत अपना लेते हैं और मेरा ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन योग के सिद्धांतों पर कायम रहते हुए पूरी तरह वैज्ञानिक है.'
 

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बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, महर्षि योगी ने एक और बात के लिए काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उन्होंने दावा किया था कि वो अपने भावातीत ध्यान के जरिए भक्तों को उड़ना सिखा सकते हैं. 
 

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इसमें उनके भक्त फुदकते हुए उड़ने की कोशिश करते थे और इसे 'फ्लाइंग योगा' कहा जाता था. महर्षि योगी ने इसे ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन सिद्धी प्रोग्राम का नाम दिया था. उनका दावा था कि फ्लाइंग योगा की थ्योरी के लिए बहुत शोध किया गया है.

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