Bhairav Jayanti 2025: दिल्ली में इस जगह भीम ने की थी भैरोनाथ की स्थापना, आज दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग

Bhairav Jayanti 2024: नववर्ष 2025 में यह पर्व 5 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन देशभर के सभी भैरव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है. भैरवनाथ के एक प्राचीन मंदिर दिल्ली में भी स्थित है, जहां दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.

Advertisement
भैरवनाथ के एक प्राचीन मंदिर दिल्ली में भी स्थित है, जहां दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है. भैरवनाथ के एक प्राचीन मंदिर दिल्ली में भी स्थित है, जहां दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:11 PM IST

हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को भैरव जयंती मनाने की परंपरा है. नववर्ष 2025 में यह पर्व 5 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन देशभर के सभी भैरव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है. भैरवनाथ के एक प्राचीन मंदिर दिल्ली में भी स्थित है, जहां दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए शराब भी चढ़ाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं पांडव ने की थी. आइए आज इसी प्राचन मंदिर के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.

Advertisement

भैरव मंदिर की स्थापना और मान्यता
दिल्ली के नेहरू पार्क चाणक्यपुरी में स्थित बटुक भैरव मंदिर की स्थापना पांच पांडवों में से एक भीमसेन ने की थी. पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत के युद्ध के दौरान भीमसेन काशी से भैरव बाबा को सुरक्षा और विजय की कामना के लिए दिल्ली लेकर आए थे. भीम बाबा को यह वचन लेकर चले थे कि वो उन्हें रास्ते में कंधे से नहीं उतरेंगे.

लेकिन दिल्ली आते-आते बाबा ने भीम को भ्रमित कर दिया और उनका वचन टूट गया. भीम ने जब दोबारा उठने का प्रयास किया तो वो उठ नहीं पाए. तब बाबा भैरव ने अपनी शक्ति का परिचय देते हुए कुएं की मुंडेर पर विराजने का निश्चय किया. भीमसेन के प्रार्थना करने पर भी बाबा ने अपनी स्थिति नहीं बदली और तभी से वो यहीं स्थायी रूप से विराजमान हैं.

Advertisement

भैरव बाबा को संकटमोचक और दसों दिशाओं के रक्षक माना जाता है. भैरव जयंती के दिन भक्त बड़ी संख्या में मंदिरों में आते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन बाबा भैरव की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यह पर्व दिल्ली में विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है.

मान्यताओं के अनुसार, दिल्ली स्थित बटुक भैरो का यह मंदिर हजारों साल पुराना है. हालांकि इसकी बनावट बहुत पुरानी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य होता रहा है. इस मंदिर में भैरोनाथ की बड़ी-बड़ी आंखें नजर आती हैं. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां बाबा भैरो नाथ को प्रसाद के रूप में मदिरा चढ़ाई जाती है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement