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Hanuman Jayanti 2024: आखिर क्यों पुरी धाम की बेड़ियों में बंधे हुए हैं हनुमान जी, हैरान कर देगी इसके पीछे की कथा

Hanuman Jayanti 2024: इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल यानी आज मनाई जा रही है. देशभर के सभी मंदिरों में इस दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. ओडिशा के पुरी धाम में भी एक ऐसा ही मंदिर है जहां हनुमान जयंती के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं. ये मंदिर है- बेड़ी हनुमान मंदिर. 

बेड़ी हनुमान मंदिर, पुरी, ओडिसा बेड़ी हनुमान मंदिर, पुरी, ओडिसा
मेघा रुस्तगी
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:47 PM IST

Hanuman Jayanti 2024: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है. देशभर के सभी मंदिरों में इस दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. ओडिशा के पुरी धाम में भी एक ऐसा ही मंदिर है जहां हनुमान जयंती के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं. ये मंदिर है- बेड़ी हनुमान मंदिर. 

बेड़ी हनुमान मंदिर बहुत ही प्राचीन है. मंदिर के इतिहास के बारे में बात की जाए तो इस मंदिर की स्थापना राजा इंद्रद्युम्न ने करवाई थी. इस मंदिर में हनुमान जी बेड़ियों में बंधे हुए हैं. समुद्र तट के निकट स्थित यह एक छोटा सा मंदिर है. 'बेड़ी हनुमान' का शाब्दिक अर्थ है 'जंजीर वाले हनुमान' और इस नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. इस मंदिर को दरिया महावीर मंदिर भी कहा जाता है. जहां 'दरिया' का अर्थ समुद्र और 'महावीर' का अर्थ भगवान हनुमान है. ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ पुरी को समुद्र के प्रकोप से बचाना हनुमान जी का कर्तव्य है.

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इस मंदिर की बेड़ियों में बंधे हैं हनुमान जी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र ने भगवान जगन्नाथ के मंदिर को तीन बार नुकसान पहुंचाया था. तो एक बार जब जगन्नाथ मंदिर का निर्माण हुआ, तो समुद्र के देवता वरुण, भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश कर गए और पीछे-पीछे समुद्र का पानी शहर में घुस गया, जिससे मंदिर को काफी नुकसान हुआ. इसके बाद भक्तों ने भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की और कहा कि इस बात का हल निकालें. फिर भगवान जगन्नाथ जी ने हनुमान जी से यह पूछा कि उनकी उपस्थिति में समुद्र का जल शहर में कैसे प्रवेश कर गया. हनुमान जी ने बताया कि वह उस समय वहां मौजूद नहीं थे और उन्हें बिना बताए ही अयोध्या चले गए थे. हनुमान जी की अयोध्या की यात्रा के बारे में सुनकर, भगवान जगन्नाथ जी ने उनके हाथ और पैर रस्सी (बेड़ी) से बंधवा दिए और उन्हें दिन-रात समुद्र तट पर सतर्क रहने को कहा और जगन्नाथ पुरी की रक्षा करने को कहा. चूंकि, उनके हाथ और पैर रस्सी से बंधे थे, इसलिए उन्हें 'बेड़ी हनुमान' या 'जंजीर वाले हनुमान' के नाम से भी जाना जाता है.

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बेड़ी हनुमान मंदिर, जगन्नाथ पुरी, ओडिसा

बेड़ी हनुमान मंदिर की खास वास्तुकला

पूर्व दिशा की ओर मुख वाले इस मंदिर की वास्तुकला बेहद अनोखी है. इस मंदिर में दो भुजाओं वाले हनुमान हैं, जिनके बाएं हाथ में लड्डू और दाहिने हाथ में गदा है. मंदिर की बाहरी दीवारों पर विभिन्न देवताओं की मूर्तियां हैं. दक्षिणी दीवार पर भगवान गणेश की एक छवि है, पश्चिमी दीवार पर अंजना (हनुमान जी की मां) की एक छवि है जिसकी गोद में एक बच्चा है और उत्तरी दीवार पर, विभिन्न देवी-देवताओं की छवियां हैं.

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