महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान

भगवान शि‍व के पूजन में मंत्रों के जाप का काफी महत्व है. अगर कोई भी मनुष्य सच्चे मन से इन मंत्रों का जाप करे तो उसकी सारी समस्याओं का हल उसे मिल जाएगा...

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महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

शिवपूजन में कई तरह के मंत्रों का जाप किया जाता है और कार्यसिद्धि के लिए इन मंत्रों की संख्या भी अलग होती है लेकिन शिव शंभू को उनका एक मंत्र बहुत प्रिय है.

महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका जप करने से मनुष्य मौत पर भी विजय प्राप्त कर सकता है. शास्त्रों में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग संख्याओं में मंत्र के जप का विधान है.

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आइए जानें, किस समस्या में इस मंत्र का कितने बार करें जाप...

- भय से छुटकारा पाने के लिए 1100 मंत्र का जप किया जाता है.
-रोगों से मुक्ति के लिए 11000 मंत्रों का जप किया जाता है.
-पुत्र की प्राप्ति के लिए, उन्नति के लिए, अकाल मृत्यु से बचने के लिए सवा लाख की संख्या में मंत्र जप करना अनिवार्य है.
- यदि साधक पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यह साधना करें, तो वांछित फल की प्राप्ति की प्रबल संभावना रहती है.

इस मंत्र का करें जाप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

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