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Shiv Panchakshar Mantra: क्या है शिव पंचाक्षर मंत्र? जानें इसका अर्थ, महत्व और लाभ

कहते हैं कि शिव के पंचाक्षरी मंत्र से भोलेनाथ की विशेष कृपा मिल सकती है. ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि शिव की विशेष कृपा पाने के लिए 'ऊ नम: शिवाय' का जाप बेहद कारगर है. यह शिवजी का पंचाक्षर मंत्र है.

Shiv Panchakshar Mantra: क्या है शिव पंचाक्षर मंत्र? जानें इसका अर्थ, महत्व और लाभ Shiv Panchakshar Mantra: क्या है शिव पंचाक्षर मंत्र? जानें इसका अर्थ, महत्व और लाभ
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

Shiv Panchakshar Mantra: भगवान शिव अनंत हैं. वो पारब्रह्म हैं. शिव के नाम से ही इस जगत में उजाला है. शिव निराकार हैं. उनकी महिमा को बयां करना मुश्किल है. कहते हैं कि शिव के पंचाक्षरी मंत्र से भोलेनाथ की विशेष कृपा मिल सकती है. ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि शिव की विशेष कृपा पाने के लिए 'ऊ नम: शिवाय' का जाप बेहद कारगर है. यह शिवजी का पंचाक्षर मंत्र है. आइए आज आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

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'न' अक्षर का अर्थ और महत्व
इसका अर्थ नागेन्द्र से है, जो नागों को धारण करने वाले हैं. 'न' का अर्थ निरंतर शुद्ध रहना भी है. इस अक्षर के प्रयोग से इंसान दसों दिशाओं में सुरक्षित रहता है.

'म' अक्षर का अर्थ और महिमा 
इसका अर्थ मन्दाकिनी को धारण करने से है. इस अक्षर का अर्थ महाकाल और महादेव से भी जुड़ा है. नदियों, पर्वतों और पुष्पों को नियंत्रित करने के कारण इस अक्षर का प्रयोग हुआ. ये जल तत्त्व को नियंत्रित करता है.

'श' अक्षर का अर्थ
इसका अर्थ शिव के शक्ति को धारण करने से है. ये परम कल्याणकारी अक्षर माना जाता है. इस अक्षर से जीवन में अपार सुख और शांति का आगमन होता है.

'व' अक्षर का अर्थ और महिमा
इसका संबंध शिव की तीसरी आंख से है. ये अक्षर शिव जी के प्रचंड स्वरुप के दर्शन कराता है. इस अक्षर का प्रयोग ग्रहों और नक्षत्रों को नियंत्रित करता है.

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'य' अक्षर का अर्थ और महिमा
इस अक्षर का अर्थ है 'शिवजी ही आदि, अनादि और अनंत हैं.' ये अक्षर सम्पूर्णता का है जिसमें शिव को सर्वव्यापक माना गया है. इस अक्षर के प्रयोग से शिव की कृपा मिलती है.

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