
वहम और डर मन से जुड़ी हुई समस्या है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका चन्द्रमा की होती है. चन्द्रमा ज्यादातर मन में डर पैदा करता है. दूसरी भूमिका राहु की होती है. राहु मन में ज्यादातर वहम पैदा करता है. राहु और चन्द्रमा की स्थिति मन में विचित्र समस्याएं पैदा करती है.
कब डर की भूमिका जीवन में ज्यादा हो जाती है?
चन्द्रमा के बहुत कमजोर होने पर, चन्द्रमा पर शनि का प्रभाव होने पर. खराब चन्द्रमा की दशा चलने पर, चन्द्रमा केतु का संबंध होने पर
या मूलांक 04, 07 या 08 होने पर इंसान के अंदर डर पैदा होने की संभावना बढ़ती है.
कब वहम की समस्या ज्यादा हो जाती है?
राहु का प्रभाव कुंडली में ज्यादा होने पर या राहु का संबंध चन्द्रमा से होने पर वहम की समस्या होती है. इसके अलावा खराब राहु की दशा चलने पर या खराब शुक्र भी कभी-कभी वहम पैदा करता है. जिनका जन्म शाम के वक्त हुआ है उनमें भी ये समस्या होती है.
वहम और डर को दूर करने के लिए क्या करें?
नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें. महीने की दोनों एकादशी का उपवास रखें. ज्यादा तेल-मसाले वाला भोजन न करें. मांसाहार और नशे से पूरी तरह दूर रहें. सलाह लेकर एक पन्ना या पुखराज पहनें.