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कश्मीर में अलगाववादियों का बंद, दो दिन रोकी गई अमरनाथ यात्रा

अनुच्छेद 35-ए जम्मू कश्मीर के विशेष अनुच्छेद में से एक है. इसमें कुछ बदलाव के खिलाफ अलगाववादियों के बंद की वजह से रविवार यानी आज से अमरनाथ यात्रा को 2 दिन के लिए रद्द कर दिया गया है.

अमरनाथ यात्रा अमरनाथ यात्रा
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते प्रशासन ने रविवार को अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है. दरअसल, अलगाववादियों ने घाटी में बंद का आह्वान अनुच्छेद 35-ए को समर्थन देने के लिए किया है, जो राज्य को विशेष अधिकार प्रदान करता है.

पुलिस का कहना है कि,  भगवती नगर यात्री निवास से किसी तीर्थयात्री को आगे जाने नहीं दिया गया है. वहीं उधमपुर और रामबन में विशेष जांच चौकियां स्थापित की गई हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीर्थयात्रियों का जत्था जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नहीं पहुंचे जो इन दोनों जिलों से गुजरता है.

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हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में मौजूद यात्री यात्रा को जारी रखेंगे. बता दें, 28 जून को सालाना अमरनाथ की धार्मिक यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 2.71 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में स्थित शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं. इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा, उस दिन श्रावण पूर्णिमा भी हैं.

जानें, क्या है अनुच्छेद 35-ए?

अनुच्छेद 35-ए, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है. इसके तहत दिए गए अधिकार 'स्थाई निवासियों' से जुड़े हुए हैं. इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे.

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कब जुड़ा अनुच्छेद 35-ए?

अनुच्छेद 35-ए, 14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया.

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