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निर्माण कार्य में मिला भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर, जल्द होंगे दर्शन

गणेश का प्राचीन मंदिर मिलने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर इस मंदिर के रख-रखाव और जीर्णोद्धार की तैयारी में जुटा हुआ है और इसको जल्द ही आम भक्तों को दर्शन पूजन के लिए भी खोल दिया जाएगा.

काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर एक के पास प्राचीन पंचमुखी गणेश मंदिर निकला है. काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर एक के पास प्राचीन पंचमुखी गणेश मंदिर निकला है.
aajtak.in/रोशन जायसवाल
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चल रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर यानी काशी विश्वनाथ धाम में निर्माण कार्य लगातार प्रगति पर है. कॉरिडोर निर्माण के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर एक के पास प्राचीन पंचमुखी गणेश का मंदिर निकल कर सामने आया है.

गणेश का प्राचीन मंदिर मिलने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर इस मंदिर के रख-रखाव और जीर्णोद्धार की तैयारी में जुटा हुआ है और इसको जल्द ही आम भक्तों को दर्शन पूजन के लिए भी खोल दिया जाएगा.

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वाराणसी में तैयार हो रहे काशी विश्वनाथ धाम या कॉरिडोर में अद्भभूत मंदिरो का संकुल तैयार हो रहा है और ये सारे मंदिर विश्वनाथ धाम के विकसित होने के दौरान सामने आए हैं जो अति प्राचीन है. तकरीबन 40 हजार वर्ग मीटर में बनने वाले धाम है और अब अगल-बगल के मकान को हटाए जाने के बाद इसी क्रम में एक मकान के अंदर से अद्भुत मंदिर सामने आया है.

यह मंदिर ढुंढिराज गणेश मंदिर के गेट नंबर एक के पास है. इस मंदिर को पंचमुखी गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है. कॉरिडोर के काम के दौरान अब तक प्राचीन 30 मंदिर निकलकर सामने आए हैं जो घरों मकानों की चहारदीवारियों में छिपे हुए थे.

इस बारे में काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश वाले गेट नम्बर एक ढूंढीराज गणेश मंदिर के पास पंचमुखी गणेश जी का मंदिर निकल कर सामने आया है. यह मंदिर पूर्व में भी दर्शन पूजन के लिए खुला करता होगा, लेकिन इसके बारे में बहुत कम ही लोगो को मालूम रहा होगा और स्थानीय लोग ही इस मंदिर में जा पाते होंगे. चुकी मंदिर के चारों तरफ दुकान, मकान और तमाम निर्माण था.

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इसलिए इस प्राचीन मंदिर की भव्यता दिखाई नहीं पड़ती थी. एक सप्ताह पूर्व जब चारों तरफ के मकान दुकान हटाए गए हैं. तब इस मंदिर की पूरी संरचना निकलकर बाहर सामने आई है. जो बहुत ही खूबसूरत है और इस तरह की स्थापत्य कला का कोई दूसरा जोड़ पूरे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में नहीं मिला है. विशाल सिंह ने बताया कि इस मंदिर के भव्य स्वरूप को फिर से एक बार जीर्णोद्धार कराकर आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा.

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