
कहा जाता है कि इंसान को शर्म और लिहाज उसे सभ्य बनाता है. हालांकि, आचार्य चाणक्य ने शर्म और संकोच को लेकर कहा है कि हर जगह शर्म नहीं करना चाहिए. अपनी किताब नीतिशास्त्र में चाणक्य ने कुछ ऐसी चीजों का जिक्र किया है, जहां इंसान को शर्म नहीं करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कभी भी धन से जुड़े कामों में शर्म नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो शख्स धन से जुड़े कार्यों में शर्म करता है उसे धन के नुकसान का समाना करना पड़ता है. मिसाल के तौर पर किसी शख्स ने दूसरे को उधार दिया है, लेकिन उसे पैसा वापस लेने में शर्म आ रही है, तो यही इससे उसे धन की हानि होगी. इसलिए धन से जुड़े कार्यों में शर्मा करना ठीक नहीं है.
चाणक्य कहते हैं कि किसी शख्स को भोजन करने में भी शर्म नहीं करनी चाहिए. आम तौर पर देखा जाता है कि किसी अजनबी या किसी रिश्तेदार के यहां भोजन करते समय कई लोग शर्म महसूस करते हैं और वो आधे पेट ही भोजन करते हैं. चाणक्य कहते हैं कि आदमी को कभी भी अपनी भूख को नहीं मारना चाहिए, क्योंकि भूखे इंसान अपने तन-मन पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुरु मार्गदर्शक होते हैं, इसलिए उनसे शिक्षा लेने में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि एक अच्छा विद्यार्थी वही है जो बिना शर्म किए अपने गुरु से सभी जिज्ञासाओं का जवाब प्राप्त करता है. चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा प्राप्त करने में जो विद्यार्थी शर्म करता है उसके पास ज्ञान की कमी रह जाती है.
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