
पूर्णिमा तिथि, पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं. इस तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है , सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष उर्जा आ जाती है इसीलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है. माघ की पूर्णिमा इतनी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इस दिन नौ ग्रहों की कृपा आसानी से पायी जा सकती है. इस दिन स्नान,दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. इस बार माघ की पूर्णिमा 31 जनवरी को पड़ेगी. इस बार माघ की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण भी रहेगा.
इस बार चंद्रग्रहण की ख़ास बातें क्या हैं?
- यह वर्ष 2018 का पहला ग्रहण होगा
- यह खग्रास चन्द्रग्रहण होगा
- इसकी शुरुआत 31 जनवरी को दोपहर 04.21 से होगी और समापन रात्रि 09.38 पर होगा
- इसका मध्यकाल सायं 06.59 पर होगा
- भारत में यह ग्रहण सायं 06.21 से 09.38 तक देखा जा सकेगा
- ज्योतिष के अनुसार यह ग्रहण कर्क राशि और आश्लेषा नक्षत्र में होगा
- यह ग्रहण भारत वर्ष में दृश्य होगा
- इसके अलावा एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और पूर्वी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिन्द महासागर में दिखाई देगा
चंद्रग्रहण पर विशेष लाभ हो सकते हैं ?
- चंद्रग्रहण का समय विशेष समय होता है
- इसमें पृथ्वी चन्द्रमा और सूर्य की ऊर्जा संयुक्त हो जाती है
- इस समय में जप ध्यान और साधना विशेष फलदायी होती है
- इस समय चन्द्रमा की समस्याओं का सरलता से समाधान किया जा सकता है
- इस समय में की गयी प्रार्थना निश्चित ही पूर्ण होती है
- इस समय का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए
चंद्रग्रहण पर किन किन सावधानियों का पालन करें?
- इस काल में प्रयास करें कि आप कोई आहार ग्रहण न करें
- इस समय में जिस भी ईश्वर के स्वरुप की उपासना करते हों उसकी उपासना करें
- अन्यथा इस समय में भगवान के नाम का भजन कीर्तन करें
- ग्रहण काल के समाप्त हो जाने के बाद सम्भव हो तो स्नान कर लें
- या हाथ पैर धोकर कुछ न कुछ दान का संकल्प करें
- प्रातः काल किसी निर्धन या जरूरतमंद व्यक्ति को संकल्प किया हुआ दान करें
- ग्रहण के नियम बीमार , वृद्ध और बच्चों पर लागू नहीं होते