
गणपति बाप्प मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ, कहते हुए आज भक्त गणेशजी को विदा कहेंगे. पुणे में भी गणेश विसर्जन की तैयारी शुरू हो गई है. गणेश विसर्जन जुलूस में साडे तीन हजार से जादा गणेश मंडल शामिल होंगे.
पुणे के गणेश उत्सव को 125 साल पूरे हुए है. पूरे शहर में इस मौके पर 12 दिनों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. आज गणेश जी की विदाई का वक्त आ गया है.
पुणे की अगर बात करे तो श्रीमंत दगदुशेठ हलवाई गणेश लोकप्रिय और मशहूर है. इस बार दगदुशेठ गणपति मंडल ने ब्रम्हनस्पति मंदिर की प्रतिकृति बनाकर उसी में गणेश जी की प्रतिष्ठापना की थी.
आज सुबह मूर्ति को इस उत्सव मंदिर से 40 किलो के सोने के आभूषणों से सजी गणेश मूर्ति को मुख्य मंदिर में लेकर जाया गया. भक्तों का उत्साह देखने जैसे बना था. गणपति बप्पा मोरया कहते हुए ढोल नगारे बजाकर मूर्ति को मंदिर में लाया गया. पुणे में 11:30 बजे विसर्जन जुलूस को शुरुआत होगी. सबसे पहले सम्मान के कसबा गणेश विसर्जन जुलूस में शामिल होते हैं. बाद में बाकी मंडल के गणपति निकलते है. 125 सालों से यह परंपरा है.
इस बार साढ़े आठ हजार पुलिस बल तैनात किए गए हैं. पुणे में गणेश विसर्जन जुलूस 36 घंटे तक चलता है. इस बार पुलिस की कोशिश रहेगी कि जुलूस को जल्द खत्म करें.