
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. जहां भारत के अलावा दुनियाभर से लोग पहुंच रहे हैं और संगम किनारे अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. प्रयागराज की धरती ही है, जो दुश्मन देशों को भी जोड़ने का काम कर रही है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जहां जंग चल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ संगम तट पर दोनों देशों से आए लोग साथ-साथ भक्ति में लीन हैं.
रूस और यूक्रेन के नेता भले ही एक दूसरे को एक आंख भी न सुहाते हों. लेकिन महाकुंभ में दोनों देशों के लोग एक दूसरे के साथ भक्ति के रस में डूबे हुए हैं. इसको लेकर आज तक की टीम ने यूक्रेन और रूस के लोगों से बातचीत भी की.
यूक्रेन, रूस, फ्रांस सहित अन्य देशों से पहुंचे लोग भारतीय परिधानों में हैं. यानि कि जहां इन देशों से आए पुरुष कुर्ता-धोती पहने हुए हैं. वहीं महिलाएं भी साड़ी में नजर आ रही हैं. यहां पहुंचकर सभी लोग भक्ति-भावना में लीन हैं और हरे राम...हरे कृष्णा जैसे गीतों पर डांस कर रहे हैं. यूक्रेन और रूस से आए लोगों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद हैं.
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26 फरवरी को है आखिरी शाही स्नान
आजतक की टीम ने जब रूस से आई महिला से पूछा कि आपको महाकुंभ आकर कैसा लग रहा है तो महिला ने कहा कि बहुत ही अच्छा लग रहा है. मैंने आज तक ऐसा कहीं नहीं अनुभव किया था. वहीं, जब फ्रांस से आई महिला से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे भी यहां पर बहुत अच्छा लग रहा है. यहां का मौसम बहुत अच्छा है.
वहीं, यूक्रेन की एक महिला से जब पूछा गया कि रूस और यूक्रेन के लोग यहां पर एक साथ रहे हैं. इस पर महिला ने कहा कि हम सब एक थे. यहां पर भी साथ हैं. वो सब कर्म का हिस्सा है, ऐसे में हम लोग उसमें दखल नहीं देंगे. महिला ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में अच्छी बातों को लेकर जिक्र किया गया है. ऐसे में श्रीमद्भगवद्गीता गीता को सभी देशों के नेताओं को पढ़ना चाहिए.
ताकि, उन्हें श्रृष्टि का मतलब समझ आए. क्योंकि अगर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित अन्य नेता श्रीमद्भगवद्गीता को अमल में ले आएंगे तो अन्य लोग भी उनका अनुसरण करेंगे. महिला ने कहा कि गीता में लिखा है कि कर्म ही पूजा है. ऐसे में सभी लोगों को कर्म करना चाहिए. आपको बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा. 26 फरवरी को ही आखिरी शाही स्नान है.