Advertisement

यहां आज भी मौजूद है संजीवनी बूटी पहाड़

रामायण में आपने संजीवनी बूटी का जिक्र तो सुना ही होगा. जब लक्ष्मण को शक्त‍ि लगी थी तो इसी बूटी ने उनके प्राण वापस लौटाए थे. क्या आप जानते हैं कि आज भी इस जगह ये पर्वत मौजूद है...

संजीवनी बूटी पहाड़ संजीवनी बूटी पहाड़
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

रामायण में संजीवनी बूटी लक्ष्मण के प्राण वापस लाने और हनुमान के संजीवनी पर्वत को पूरा उठा लाने वाला प्रसंग सभी जानते हैं. वैध सुषेण ने संजीवनी को चमकीली आभा और विचित्र गंध वाली बूटी बताया है. संजीवनी पर्वत आज भी श्रीलंका में मौजूद है. माना जाता है कि हनुमानजी ने इस पहाड़ को टुकडे़ करके इस क्षेत्र विशेष में डाल दिया था.

Advertisement

हनुमानजी की पूजा से शांत रहते हैं शनिदेव...

रूमास्सला पर्वत के नाम से जाना जाता है ये
यह चर्चित पहाड़ श्रीलंका के पास रूमास्सला पर्वत के नाम से जाना जाता है. श्रीलंका की खूबसूरत जगहों में से एक उनावटाना बीच इसी पर्वत के पास है. श्रीलंका के दक्षिण समुद्री किनारे पर कई ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वहां हनुमान के लाए पहाड़ के गिरे टुकड़े हैं.

जानें, अंजनी पुत्र हनुमानजी की जन्‍मकथा के बारे में...

यहां के पेड़-पौधे हैं खास
इस जगह की खास बात ये कि जहां-जहां ये टुकड़े गिरे, वहां-वहां की जलवायु और मिट्टी बदल गई. इन जगहों पर मिलने वाले पेड़-पौधे श्रीलंका के बाकी इलाकों में मिलने वाले पेड़-पौधों से काफी अलग हैं. रूमास्सला के बाद जो जगह सबसे अहम है वो है रीतिगाला.

Advertisement

जब हनुमान पूरा पर्वत उठा लाए
हनुमान जब संजीवनी का पहाड़ उठाकर श्रीलंका पहुंचे तो उसका एक टुकड़ा रीतिगाला में गिरा. रीतिगाला की खासियत है कि आज भी जो जड़ी-बूटियां उगती हैं, वो आसपास के इलाके से बिल्कुल अलग हैं. श्रीलंका के नुवारा एलिया शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर हाकागाला गार्डन में हनुमान के लाए पहाड़ का दूसरा बडा़ हिस्सा गिरा. इस जगह की भी मिट्टी और पेड़ पौधे अपने आसपास के इलाके से बिल्कुल अलग हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement