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शनि अमावस्या पर मिलेगी शनि देव की कृपा

अमावस्या तिथि विशेष प्रभाव की तिथि मानी जाती है. इस दिन स्नान , दान और पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है. अगर यह अमावस्या शनिवार को पड़ जाती है तो यह और भी फलदायी हो जाती है.

शनि अमावस्या 2018 शनि अमावस्या 2018
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

अमावस्या तिथि विशेष प्रभाव की तिथि मानी जाती है. इस दिन स्नान , दान और पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है. अगर यह अमावस्या शनिवार को पड़ जाती है तो यह और भी फलदायी हो जाती है. शनि अमावस्या पर विशेष प्रयोगों से शनि की कृपा आसानी से मिल सकती है. ख़ास तौर से रोजगार और नौकरी की समस्याएं आसानी से दूर हो सकती हैं. इस बार शनि अमावस्या 17 मार्च को है.

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किस तरह करें शनि देव का पूजन इस दिन?

- शनि देव की पूजा प्रदोष काल या रात्रि में करें

- चाहें तो इस दिन व्रत भी रख सकते हैं

- पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं  

- इसके बाद शनि चालीसा या शनि मंत्र का जाप करें

- किसी निर्धन को खाने पीने की चीज़ों का दान करें

- शनिदेव से कृपा पाने की प्रार्थना करें

नौकरी या रोजगार पाने के लिए इस दिन क्या करें?

- सायंकाल पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं

- इसके बाद "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें

- एक काला धागा पीपल वृक्ष की डाल में बाँध दें  

- इसमें तीन गाँठ लगाएं

जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए क्या करें?

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- एक कटोरी में सरसों का तेल ले लें

- उसमे बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली डालकर शनि मंत्र का जाप करें

- मंत्र होगा - "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

- सरसों के तेल को पीपल के वृक्ष के नीच रख दें

साढ़े साती और ढैया से बचने का उपाय

- एक लोहे का छल्ला ले आएं

- उसे शनिवार की सुबह सरसों के तेल में डुबा कर रख दें

- शाम को शनिदेव के मन्त्रों का जाप करें

- उनकी विधिवत आरती करें  

- इसके बाद लोहे के छल्ले को बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें   

शनिदेव की पूजा में क्या-क्या सावधानी रखें?

- शनिदेव की मूर्ति के दर्शन न करें

- सरसों के तेल की बर्बादी न करें

- निर्धनों की सेवा और दान जरूर करें

- जहाँ तक हो सके आचरण उत्तम रखें.

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