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जब आधी रात को लोनावाला में हुआ था डरावना वाकया

भारत में कई पेशेवर पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स हैं जिन्होंने भूतों प्रेतों का साक्षात्कार करने का दावा किया है. इन जांचकर्ताओं ने कई हैरान करने वाली कहानियां शेयर की हैं. ऐसी ही एक डरावनी कहानी है लोनावाला की.

पैरानॉर्मल ऐक्टिविटी पैरानॉर्मल ऐक्टिविटी
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

हमारे देश में छोटा ही सही लेकिन एक ऐसा समुदाय है जो भूत-प्रेत और आत्माओं के अस्तित्व में विश्वास रखता है. कुछ लोग आज भी मानते हैं कि मानव जीवन से परे कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो अस्तित्व में होती हैं.  जो लोग ऐसी चीजों में यकीन रखते हैं, वे भूतों और आत्माओं के साथ कई बार संवाद करने की भी कोशिश करते हैं.  यहां तक कि आप भले ही भूत प्रेत में यकीन करें या ना करें लेकिन पैरानॉर्मल घटनाओं में विश्वास रखने वाले  आपको सलाह देते हैं कि आप उनका भूलकर भी मजाक नहीं उड़ाए. भारत में कई पेशेवर पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स हैं जिन्होंने भूतों प्रेतों का साक्षात्कार करने का दावा किया है. इन जांचकर्ताओं ने कई वर्षों तक इस क्षेत्र में अध्ययन करने के बाद कई हैरान करने वाली कहानियां शेयर की हैं. ऐसी ही एक डरावनी कहानी है लोनावाला की.

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इंडियन पैरानॉर्मल टीम के अक्षय स्थलेकार दावा करते हैं कि वह पिछले 8 सालों से पैरानॉर्मल घटनाओं की जांच कर रहे हैं. स्थलेकर की टीम पुणे और लोनावाला में नियमित तौर पर 'घोस्ट वॉक'  का आयोजन करती है. इस वॉक का मकसद रोजाना ऐसी भुतही जगहों के रात में चक्कर लगाकर कुछ आत्माओं या भूत प्रेत के कृत्यों को कैमरे में कैद करना होता है. मुंबई के सुदूर इलाके में स्थित लोनावाला मॉनसून और सर्दियों में कपल्स के लिए तो स्वर्ग तो है ही लेकिन इससे भूत-प्रेतों की खौफनाक कहानियों से भी गहरा नाता रहा है. लोनावाला की पहाड़ियों में एक ऐसी ही 'घोस्ट वॉक' के दौरान स्थलेकर को कुछ ऐसा नजर आया जो किसी भी तरह की वैज्ञानिक व्याख्या से बाहर था.

स्थलेकर जब अपनी टीम के साथ राउंड पर थे तभी उनकी कार पर दो बार तेजी से नॉक हुआ और उसी के बाद उनकी कार अचानक से हिल गई. यह एक मध्य रात्रि थी.  रात में हवा चल रही थी. स्थलेकर और उनकी टीम के 4 लोग एक छोटी कार में यात्रा कर रहे थे और सिगरेट पीने के लिए कार से बाहर निकले थे.  टीम उसी जगह पर थी जहां पर दिन में काफी लोग घूमने आते हैं. स्थलेकर बताते हैं, हवा पूरब से पश्चिम बह रही थी, तभी अचानक एक शराब की खाली बॉटल जमीन से तेज गति से हवा की दिशा के विपरीत ऊपर उठ गई. उनकी टीम को लगा कि कुछ अप्राकृतिक या पैरानॉर्मल ऐक्टिविटी हो रही है.

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इस समय तक स्थलेकर और उनके दोस्त कार में अंदर आ गए थे. जल्द ही उनकी कार के शीशे पर दो बार तेजी से नॉक की आवाज सुनाई दी जबकि वहां पर कोई नहीं था. तभी कार अचानक से इतनी तेजी से हिली जैसे कार ना हो कोई टिन का बिस्किट. हम लोग बैठ गए और अपनी डिवाइसों को जल्दी से ऑन कर लिया जो आत्माओं के होने का संकेत देती हैं. मशीनें लगातार ब्लिंक कर रही थी.

इस टीम के दावे के मुताबिक, उन्होंने एक ऐप का भी इस्तेमाल भी किया जिसे अमेरिकियों ने विकसित किया था. इस ऐप के जरिए पैरानॉर्मल गतिविधियों की भी आवाज रेकॉर्ड होती है. स्थेलकर ने बताया था, इस रिकॉर्डर में मराठी में बोलती हुई एक महिला की आवाज आ रही थी लेकिन यह आवाज बहुत ही रफ और खराब थी.

स्थलेकर ने कहा कि वह उससे कुछ और सवाल पूछना चाहते हैं, क्या वह मुक्ति पाना चाहती हैं लेकिन फिर वह गायब हो गई.थोड़ी देर तक डरावनी आवाजें आती रही और कुछ मिनटों के बाद जाकर सब कुछ सामान्य हुआ.

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