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जानें, क्या है सामान्य और गुप्त नवरात्रि में अंतर और इसका महत्व

गुप्त नवरात्रि, गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें शक्ति प्राप्त की जाती है और बाधाओं का नाश करने का वरदान मांगा जाता है.

सामान्य और गुप्त नवरात्रि में अंतर सामान्य और गुप्त नवरात्रि में अंतर
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

नवरात्रि वर्ष में चार बार मनाई जाती है, दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार सामान्य नवरात्रि. इसमें चैत्र और आश्विन नवरात्रि ज्यादा प्रसिद्द है. इसके अलावा माघ और आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है. गुप्त नवरात्रि, गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें शक्ति प्राप्त की जाती है और बाधाओं का नाश करने का वरदान मांगा जाता है. वैज्ञानिक रूप से इस समय ऋतुओं में बदलाव होता है और शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है. अतः इस समय अगर उपवास रखा जाए या खान पान का ख्याल रखा जाए तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है. इस बार आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि 13 जुलाई से 21 जुलाई तक रहेगी.

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सामान्य और गुप्त नवरात्रि में अंतर

- सामान्य नवरात्रि में आम तौर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है.

- गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है.

- गुप्त नवरात्रि में आमतौर पर ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं किया जाता, अपनी साधना को गोपनीय रखा जाता है .

- गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलेगी.

क्या होगी गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा विधि ?

- नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकती है.

- अगर कलश की स्थापना की है तो दोनों वेला मंत्र जाप,.चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए.

- दोनों ही समय आरती भी करना अच्छा होगा.

- मां को दोनों वेला भोग भी लगाएं, सबसे सरल और उत्तम भोग है लौंग और बताशा.

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- मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है पर मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिलकुल न चढ़ाएं .

- पूरे नौ दिन अपना खान पान और आहार सात्विक रखें.

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शीघ्र रोजगार की प्राप्ति के लिए

- देवी के समक्ष घी का दीपक जलाएं.

- नौ बताशे लें और हर बताशे पर दो लौंग रखें.

- अब सारे बताशे एक-एक करके देवी को अर्पित करें.

- यह प्रयोग नवरात्रि की किसी भी रात्रि को करें.

शीघ्र विवाह के लिए

- देवी के समक्ष रोज एक घी का दीपक जलाएं.

- इसके बाद उनको रोज लाल फूलों की माला अर्पित करें.

- शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें.

- यह प्रयोग नवरात्रि की हर रात्रि को करें.

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