
भगवान शिव के महाकाल स्वरूप की उपासना करने वालों का काल भी बाल बांका नहीं कर सकता. सावन की शुरुआत हो गई है. ऐसे में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिव भक्तों का तांता लगा है. देश-विदेश से शिव भक्त बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि सावन माह में बाबा महाकाल के दरबार में शीशनवाने से शिव की महाकृपा मिलती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है
बाबा महाकाल द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रमुख हैं. मान्यता है कि यही म्रत्यु लोक के राजा हैं और इनके दर्शन से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. महाकाल ज्योतिर्लिंग दक्षिण मुखी हैं. यहां कि सबसे अद्भुत बात है कि महाकाल की आरती भस्म से होती है. प्रतिदिन सुबह बाबा महाकाल की भस्मारती होती है. सावन माह में बाबा के दर्शन करने और भस्मारती करने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
सावन माह में बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर भी निकलते हैं. जहां भक्त उनकी एक झलक पाकर अपने आपको धन्य समझते हैं. उज्जैन में भगवान शिव राजा महाकाल के रूप में विराजित हैं. जिन्हें मृत्यू लोक का राजा भी कहा जाता है. ज्योतिषी कहते हैं महाकाल ज्योतिर्लिंग की महिमा अपरंपार है. पुराणों में भी इस चमत्कारी ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन मिलता है.
महाकाल की नगरी में दूर-दूर से तांत्रिक और शिव भक्त आते हैं. देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में 'महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग' का अपना एक अलग महत्व भी है. अभी सावन का महीना चल रहा है, इसलिए यहां भक्तों की भारी भीड़ भी है. बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए बाबा के भक्त घंटों लाइन में प्रतीक्षा करते हैं. तब कहीं उन्हें महाकाल के दर्शन का सौभाग्य मिलता है.