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नवरात्रि में क्यों नहीं खाया जाता अन्न?

यूं तो व्रत के दिनों में फलाहारी का ही सेवन किया जाता है लेकिन कई व्रत ऐसे हैं जिसमें अन्न भी खाया है. मां दुर्गा की उपासना के पावन दिनों में व्रत में अन्न खाना पूरी तरह से वर्जित है...

नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना की जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना की जाती है.
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्‍ली,
  • 04 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST

नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू हो रहा है. इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं. इससे जुड़े महत्वपूर्ण नियमों में से एक है नौ दिनों तक अन्न न खाना और इसी के साथ ही प्याज-लहसुन, शराब और नॉन वेज भी का भी परहेज बताया गया है.

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नवरात्रि में सिर्फ फलाहारी क्यों?
नवरात्रि के दिन नौ दिन व्रत करने वाले लोग हों या फिर सिर्फ दो दिन का व्रत करने वाले. इस व्रत में सिर्फ फलाहारी का सेवन करना ही अनिवार्य बताया गया है. व्रत रखने वाले लोग फल, जूस, दूध और मावा की बनी मिठाई खाते हैं. इस दौरान सेंधा नमक का सेवन भी किया जा सकता है. कुट्टू का आटा और साबूदाने की बनी चीजों को भी खाना लोग पसंद करते हैं.

नवरात्रि से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो व्रत करने से शरीर शुद्ध और मन साफ होता है. इसी वजह से इंसान भगवान की साधना शांति से कर पाता है. ऐसे करने से उसकी इच्छाशक्ति भी प्रबल होती है.


व्रत पर क्या कहता है विज्ञान
धार्मिक ही नहीं व्रत-उपवास के महत्व को सांइस भी मानता है. साल में दो बार आने वाली नवरात्रि के दौरान मौसम बदल रहा होता है और बदलते मौसम में शरीर को रोगमुक्त रखने के लिए अगर नौ दिन के व्रत करना लाभकारी होता है.

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क्या कहता है आयुर्वेद?
प्राचीन समय में तपस्वी और मुनि कठोर तप करते थे और इस दौरान वह सिर्फ फूल-फल और पेय पदार्थों का सेवन करते थे. इस कारण से उनका शरीर विषैले तत्वों से दूर रहता था. आयुर्वेद के मुताबिक जब मौसम बदलता है तो मांसाहार, लहसुन, प्याज आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए. नवरात्रि के दौरान शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है. इसलिए हल्का भोजन सेहत के लिए अच्छा होता है.

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