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भादों में क्यों दही नहीं खाना चाहिए? जानिए क्या कहता है विज्ञान

भादों 16 अगस्त से 14 सितंबर तक रहेगा. क्या आप जानते हैं भादों में कुछ चीजों का खाना सही नहीं माना जाता.

प्रतिकात्मक तस्वीर प्रतिकात्मक तस्वीर
सुमित कुमार/aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

श्रावण का महीना खत्म होते ही भादों यानी भाद्रपद माह शुरू हो जाएगा. हिंदी कैलेंडर (हिंदू पंचांग) के अनुसार यह छठा महीना होता है. जिस तरह सावन को भगवान शिव का महीना माना जाता है, उसी तरह भादों को भगवान श्रीकृष्ण का महीना बताया गया है. भादों 16 अगस्त से 14 सितंबर तक रहेगा. क्या आप जानते हैं भादों में कुछ चीजों का खाना सही नहीं माना जाता.

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दही न खाने का रिवाज

भादों में दही या दही से बनी चीजें खाने से इनकार किया जाता है. इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क भी दिया जाता है. ऐसा कहा जाता है दही में बहुत ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं और इस मौसम में दही या उससे बनी चीजें जैसे छाछ या लस्सी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

खाने में तिल का इस्तेमाल

भादों में तिल का इस्तेमाल सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. इसलिए मिठाई से लेकर खाने की कई चीजों में आप आसानी से तिल देख सकते हैं. इस मौसम में भागवान को चढ़ाई जाने वाली कई चीजों में भी तिल का इस्तेमाल किया जाता है.

भादों में रविवार का महत्व

हिंदू धर्म में सावन की तरह भादों महीने का भी विशेष महत्व है. जैसे सावन में सोमवार की महत्ता है वैसे ही भादों के रविवार का भी बड़ा महत्व होता है. मान्यता है कि इस महीने भगवान विष्णु अपनी नींद पूरी करने के बाद जग जाते हैं. इसलिए भादों रविवार को शॉपिंग न करना, बाल न कटवाना, नमक का इस्तेमाल न करना और जूते न पहनने के लिए कहा जाता है.

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