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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है. इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हं ब्रह्मचारिणी कहा गया है. विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है.

 नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है. इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हं ब्रह्मचारिणी कहा गया है. विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है. जिन लोगों का चन्द्रमा कमजोर होता है, उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है. आइए आपको मां ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि और पूजा शुभ मुहूर्त बताते हैं.

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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले अथवा सफेद वस्त्र धारण करें. देवी को सफेद वस्तुएं अर्पित करें. जैसे- मिसरी, शक्कर या पंचामृत. इसके बाद आप ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जाप कर सकते हैं. वैसे मां ब्रह्मचारिणी के लिए "ॐ ऐं नमः" का जाप करें.

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक

चन्द्रमा मजबूत करने के उपाय
यह प्रयोग नवरात्रि के दूसरे दिन करें. देवी को सफेद पुष्प अर्पित करें और सफेद वस्तुओं का भोग लगाएं. देवी को चांदी का अर्ध चंद्र भी अर्पित करें. इसके बाद "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः" का कम से कम 3 माला जाप करें. अब अर्धचंद्र को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण कर लें.

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मां ब्रह्मचारिणी का भोग
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद इस प्रसाद को घर के सभी सदस्यों को बांट दें. इससे मां ब्रह्मचारिणी सब लोगों को आयु में वृद्धि का वरदान देंगी.

मां ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो ​तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

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