Advertisement

Dhanvantari Ji Ki Aarti: धन्वन्तरि जी की आरती से जीवन में आएगी सुख समृद्धि, हर मनोकामना होगी पूरी

Dhanvantari Ji Ki Aarti: श्री धन्वन्तरि हिन्दू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार हैं. इनका पृथ्वी लोक में अवतरण समुद्र मन्थन के समय हुआ था. त्रयोदशी को श्री धन्वन्तरि का सागर से प्रादुर्भाव हुआ था. विशेषतौर पर भगवान धन्वन्तरि का अवतरण और पूजा धनदेरस के दिन किया जाता है. तो आइए सुनते हैं भगवान धन्वन्तरि की आरती.

श्री धन्वन्तरि जी की आरती श्री धन्वन्तरि जी की आरती
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:17 AM IST

Dhanvantari Ji Ki Aarti: श्री धन्वन्तरि हिन्दू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार हैं. इनका पृथ्वी लोक में अवतरण समुद्र मन्थन के समय हुआ था. त्रयोदशी को श्री धन्वन्तरि का सागर से प्रादुर्भाव हुआ था. विशेषतौर पर भगवान धन्वन्तरि का अवतरण और पूजा धनदेरस के दिन किया जाता है. तो आइए सुनते हैं भगवान धन्वन्तरि की आरती.   

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।। जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।।

Advertisement

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
 

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement