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Holika Dahan 2024: होलिका दहन है आज, अग्नि में अर्पित करें ये चीजें, होंगी सभी मनोकामनाएं पूरी

Holika Dahan 2024: होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है. होलिका दहन के ठीक अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है. होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन पूर्णिमा में यदि प्रदोष काल में की जाए तो सबसे शुभ होता है. इस दौरान भद्रा मुख को त्याग करके रात के समय होलिका दहन करना शुभ रहता है.

होलिका दहन में अर्पित करें ये चीजें होलिका दहन में अर्पित करें ये चीजें
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST

Holika Dahan 2024: होलिका दहन इस बार 24 मार्च यानी आज किया जाएगा. ऐसा कहते हैं कि, होलिका की अग्नि बहुत ही शुभ और पवित्र होती है. माना जाता है कि इसके एक प्रयोग से जीवन के सभी कष्टों का नाश हो सकता है. होलिका दहन के दिन होलिका प्रज्वलित होने के बाद उसमें 11 उपलों की माला, पान, सुपारी, नारियल, अक्षत, चना इत्यादि, साथ ही भोग में मीठा अर्पित करना चाहिए. उसके बाद श्रीहरि विष्णु का नाम लेकर सात बार होलिका की अग्नि की परिक्रमा करनी चाहिए. 

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होलिका दहन शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2024 Shubh Muhurat)

इस साल 24 मार्च यानी आज होलिका दहन किया जाएगा. 24 मार्च यानी आज भद्रा सुबह 9 बजकर 24 मिनट से शुरू हो चुकी है और भद्रा आज रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इसलिए, उस दिन रात्रि में 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है.

क्या करें होलिका दहन के दिन 

होलिका दहन शुरू हो जाने पर अग्नि को प्रणाम करें और भूमि पर जल डालें. अग्नि में गेहूं की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल के दाने डालें. अग्नि की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें. अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं मन में बोलें. होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें. ज्योतिषियों की माने तो होलिका की अग्नि में सभी कष्ट भस्म हो जाते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि होलिका की राख घर में लाने से कर से सारी नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती हैं.

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होलिका की अग्नि में क्या अर्पित करें (Offer these things in holika)

1. अच्छे स्वास्थ्य के लिए काले तिल के दाने 
2. बीमारी से मुक्ति के लिए हरी इलायची और कपूर 
3. धन लाभ के लिए चंदन की लकड़ी 
4. रोजगार के लिए पीली सरसों 
5. विवाह और वैवाहिक समस्याओं के लिए हवन सामग्री 
6. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए काली सरसों 

कब होता है होलिका दहन 

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. होलिका दहन से पहले साफ सुथरी जगह का चयन करना चाहिए. उसके बाद उस जगह को गंगाजल से पवित्र करना चाहिए. उसके बीच में होलिका दंड गाड़ना चाहिए. उस पर सूखी घास, देसी गाय के गोबर के बने उपले, शुद्ध लकड़ियां इत्यादि एकत्रित करना चाहिए. फिर होलिका की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और एक दीपक जलाना चाहिए. फिर शुभ मुहूर्त में होलिका दहन करना चाहिए. 

होलिका दहन का महाप्रयोग 

होलिका दहन हो जाने के बाद उसकी थोड़ी सी राख ले आएं. इसको किसी पात्र में सुरक्षित रख लें. जब भी किसी महत्वपूर्ण कार्य से जाना हो तो इसका तिलक लगाकर जाएं. उससे हर कार्य में सफलता मिलती है.  

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