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Parshuram ji ki Aarti: हर दिन करें परशुराम जी की आरती, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति

Parshuram ji ki Aarti: भगवान श्री परशुराम जी पाठ पढ़ने से बुद्धि से अज्ञान के अंधियारे मिट जाते हैं. इसे रोजाना पढ़ने से यश की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इंसान तेजस्वी भी बनता है. भगवान परशुराम शौर्य की मूर्ति हैं. तो चलिए भगवान परशुराम की इस आरती को पढ़ें.  

परेशुराम जी की आरती परेशुराम जी की आरती
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST

Parshuram ji ki Aarti: भगवान श्री परशुराम जी पाठ पढ़ने से बुद्धि से अज्ञान के अंधियारे मिट जाते हैं. इसे रोजाना पढ़ने से यश की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इंसान तेजस्वी भी बनता है. भगवान परशुराम शौर्य की मूर्ति हैं. अन्याय उनकी क्रोधाग्नि में समाप्त हो जाता है. इसलिए, उनका स्मरण करने से ही ह्रदय साहर से भर जाता है. तो चलिए भगवान परशुराम की इस आरती को पढ़ें.  

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ओउम जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी।। ओउम जय।।

जमदग्नी सुत नरसिंह, मां रेणुका जाया।
मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया।। ओउम जय।।

कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला।
चरण खड़ाऊँ शोभे, तिलक त्रिपुण्ड भाला।। ओउम जय।।

ताम्र श्याम घन केशा, शीश जटा बांधी।
सुजन हेतु ऋतु मधुमय, दुष्ट दलन आंधी।। ओउम जय।।

मुख रवि तेज विराजत, रक्त वर्ण नैना।
दीन-हीन गो विप्रन, रक्षक दिन रैना।। ओउम जय।।

कर शोभित बर परशु, निगमागम ज्ञाता।
कंध चार-शर वैष्णव, ब्राह्मण कुल त्राता।। ओउम जय।।

माता पिता तुम स्वामी, मीत सखा मेरे।
मेरी बिरत संभारो, द्वार पड़ा मैं तेरे।। ओउम जय।।

अजर-अमर श्री परशुराम की, आरती जो गावे।
पूर्णेन्दु शिव साखि, सुख सम्पति पावे।। ओउम जय।।
 

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