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Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष का मातृ नवमी श्राद्ध आज, इस विधि से पिंडदान और तर्पण

Pitru Paksha 2023: इस दिन परिवार की उन सारी महिलाओं की पूजा की जाती है और उनके नाम से श्राद्ध भोज किया जाता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी का श्राद्ध किया जाता है. श्राद्ध पक्ष में नवमी तिथि को बहुत खास माना गया है.

मातृ नवमी 2023 मातृ नवमी 2023
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:04 AM IST

Pitru Paksha 2023: आज पितृ पक्ष की मातृ नवमी है. श्राद्ध में इस दिन का विशेष महत्व होता है. इस दिन घर की उन सभी महिलाओं की पूजा की जाती है, जिनका निधन हो चुका है. मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध करने से माताओं का आशीर्वाद मिलता है और श्राद्ध करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकानाएं पूरी होती हैं. पितृ पक्ष की मातृ नवमी को सौभाग्यवती नवमी भी कहते हैं. इस दिन मातृ ऋण से भी मुक्ति पाई जा सकती है.

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ऐसे करें मातृ नवमी का श्राद्ध 

मातृ नवमी श्राद्ध के दिन घर की बहुओं को उपवास रखना चाहिए. इस श्राद्ध को सौभाग्यवती श्राद्ध भी कहा जाता है. इस दिन गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराने से सभी मातृ शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सुबह स्नान करने के बाद घर की दक्षिण दिशा में हरा वस्त्र बिछाएं. सभी पूर्वज-पितरों के फोटो या प्रतीक रूप में एक सुपारी हरे वस्त्र पर स्थापित करें. पितरों के निमित्त, तिल के तेल का दीपक जलाएं, सुगंधित धूप जलाएं, जल में मिश्री और तिल मिलाकर तर्पण करें. 

इस दिन परिवार की पितृ माताओं का विशेष श्राद्ध करें और आटे का एक बड़ा दीपक जलाएं. पितरों की तस्वीर पर तुलसी की पत्तियां अर्पित करनी चाहिए. गरीबों या ब्राह्मणों को लौकी की खीर, पालक, मूंगदाल, पूड़ी, हरे फल, लौंग-इलायची तथा मिश्री के साथ भोजन दें. भोजन कराने के बाद धन-दक्षिणा देकर इन सभी को विदा करें.

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मातृ नवमी मुहूर्त

कुतुप मूहूर्त- सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक
रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक से दोपहर 1 बजकर 19 मिनट तक
अपराह्न काल- दोपहर 1 बजकर 19 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक

मातृ नवमी का महत्व

श्राद्ध में मातृ नवमी के दिन माताओं की पूजा होती है इसलिए इस दिन का खास महत्व माना जाता है. मान्यता है कि मातृ नवमी का श्राद्ध कर्म करने से जातकों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. शास्त्रों के अनुसार मातृ नवमी का श्राद्ध करने वालों को धन, संपत्ति, ऐश्वर्य प्राप्त होता है और इनका सौभाग्य हमेशा बना रहता है.

मातृ नवमी श्राद्ध के दिन घर की बहुओं को उपवास रखना चाहिए. इस श्राद्ध को सौभाग्यवती श्राद्ध भी कहा जाता है. इस दिन गरीबों  या ब्राह्मणों को भोजन कराने से सभी मातृ शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

आगामी श्राद्ध तिथियां

08 अक्टूबर 2023, रविवार- दशमी श्राद्ध 
09 अक्टूबर 2023, सोमवार- एकादशी श्राद्ध 
10 अक्टूबर 2023, मंगलवार- मघा श्राद्ध 
11 अक्टूबर 2023, बुधवार- द्वादशी श्राद्ध 
12 अक्टूबर 2023, गुरुवार- त्रयोदशी श्राद्ध 
13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार- चतुर्दशी श्राद्ध 
14 अक्टूबर 2023, शनिवार- सर्व पितृ अमावस्या

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