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Pongal 2021: क्यों मनाया जाता है पोंगल का त्योहार? जानें इसका महत्व

पोंगल का त्योहार मुख्य रूप से सूर्य की उपासना के लिए जाना जाता है. पोंगल (Pongal 2021) का त्योहार तमिलनाडु में पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के पहले दिन को 'भोगी पोंगल' कहते हैं, दूसरे दिन को 'सूर्य पोंगल', तीसरे दिन को 'मट्टू पोंगल' और चौथे दिन को 'कन्नम पोंगल' कहते हैं. पोंगल के हर दिन अलग-अलग परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन किया जाता है.

आज मनाया जा रहा है पोंगल का त्योहार आज मनाया जा रहा है पोंगल का त्योहार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:56 AM IST
  • आज मनाया जा है पोंगल का त्योहार
  • चार दिनों तक मनाया जाता है पोंगल
  • सूर्य की उपासना का त्योहार

पोंगल दक्षिण भारत के प्रमुख त्‍योहारों में से एक है. आज के दिन जहां उत्तर भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2021) मनाई जा रही है, वहीं दक्षिण भारत में धूमधाम से पोंगल का त्‍योहार मनाया जा रहा है. पोंगल (Pongal 2021) का त्योहार चार दिनों तक चलता है. ये 14 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जाएगा. मकर संक्रांति और लोहड़ी (Makar Sankranti and Lohri) की तरह पोंगल भी फसल और किसानों का त्योहार है. 

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पोंगल का महत्व 

चार दिन तक चलने वाले पोंगल के त्योहार को तमिलनाडु में नए साल के रूप में भी मनाया जाता है. यह त्योहार तमिल महीने 'तइ' की पहली तारीख से शुरू होता है. इस त्योहार में  इंद्र देव और सूर्य की उपासना की जाती है. पोंगल का त्योहार संपन्नता को समर्पित है. पोंगल में समृद्धि के लिए वर्षा, धूप और कृषि से संबंधित चीजों की पूजा अर्चना की जाती है.

कैसे मनाया जाता है पोंगल? 

पोंगल का त्योहार मुख्य रूप से सूर्य की उपासना के लिए जाना जाता है. पोंगल के पहले दिन लोग सुबह उठकर स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं और नए बर्तन में दूध, चावल, काजू और गुड़ की चीजों से पोंगल नाम का भोजन बनाते हैं. सूर्य को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद को पगल कहते हैं. पूजा के बाद लोग एक दूसरे को पोंगल की बधाई देते हैं.

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चूंकि खेती-बाड़ी करने वाले किसाने के लिए गाय-बैलों का भी बड़ा महत्व है, इसलिए पोंगल के त्योहार पर इनकी भी पूजा की जाती है. किसान इस दिन अपनी बैलों को स्नान कराकर उन्हें सजाते हैं. इस दिन घर में मौजूद खराब वस्तुओं और चीजों को भी जलाया जाता है और नई वस्तुओं को घर लाया जाता है. कई लोग पोंगल के पर्व से पहले अपने घरों को खासतौर पर सजाते हैं.

कितने दिन तक मनाया जाता है पोंगल का त्योहार?

पोंगल का त्योहार तमिलनाडु में पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के पहले दिन को 'भोगी पोंगल' कहते हैं, दूसरे दिन को 'सूर्य पोंगल', तीसरे दिन को 'मट्टू पोंगल' और चौथे दिन को 'कन्नम पोंगल' कहते हैं. पोंगल के हर दिन अलग-अलग परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन किया जाता है.

 

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