
शनिवार और मंगलवार को हनुमान पूजा का सबसे उत्तम दिन माना गया है और इसी दिन शनिदेव की पूजा का भी विधान है. भगवान हनुमान की पूजा करने से कई तरह की विपत्तियों से आसानी से छुटकारा मिल जाता है. शास्त्रों के अनुसार अगर शनिवार और मंगलवार को कुछ छोटे-छोटे उपाय और पूजा विधि की जाए तो घर परिवार और पैसों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है. आइए जानें ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में, जो आपकी मदद कर सकते हैं...
हनुमान चालीसा पढ़ना: सबसे पहले आप हनुमान चालीसा नियम से पढ़ना शुरू कर दें. पवित्र भावना और शांतिपूर्वक हनुमान चालीसा पढ़ने से हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है. हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद हनुमानजी की कपूर से आरती करें.
हनुमानजी को चढ़ाएं चोला: 5 बार हनुमानजी को चोला चढ़ाएं, तो तुरंत ही संकटों से मुक्ति मिल जाएगी.
नारियल का उतारा: पानीदार एक नारियल लें और उसे अपने ऊपर से 21 बार वारें. वारने के बाद उसे किसी देवस्थान पर जाकर अग्नि में जला दें। ऐसा परिवार के जिस सदस्य पर संकट हो उसके ऊपर से वारें. उक्त उपाय किसी मंगलवार या शनिवार को करना चाहिए. 5 शनिवार ऐसा करने से जीवन में अचानक आए कष्ट से छुटकारा मिलेगा.
गाय, कुत्ते, चींटी और पक्षियों को भोजन कराएं: वृक्ष, चींटी, पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा, अशक्त मानव आदि प्राणियों के अन्न-जल की व्यवस्था करने से इनकी हर तरह से दुआ मिलती है. इसे वेदों के पंचयज्ञ में से एक 'वैश्वदेव यज्ञ कर्म' कहा गया है.
मछलियों को खिलाएं: कागजों पर छोटे अक्षरों में राम-राम लिखें. अधिक से अधिक संख्या में ये नाम लिखकर सबको अलग-अलग काट लें. अब आटे की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर एक-एक कागज उनमें लपेट लें और नदी या तालाब पर जाकर मछलियों और कछुओं को ये गोलियां खिलाएं.
- प्रतिदिन कौवे या पक्षियों को दाना डालने से पितृ तृप्त होते हैं.
- प्रतिदिन चींटियों को दाना डालने से कर्ज और संकट से मुक्ति मिलती है.
- प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाने से आकस्मिक संकट दूर रहते हैं.
- प्रतिदिन गाय को रोटी खिलाने से आर्थिक संकट दूर होता है.
जल अर्पण: एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें थोड़ा-सा लाल चंदन मिला दें. उस पात्र को अपने सिरहाने रखकर रात को सो जाएं. प्रात: उठकर सबसे पहले उस जल को तुलसी के पौधे में चढ़ा दें. ऐसा कुछ दिनों में सारी परेशानी दूर होती जाएगी.
छाया दान करें: शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं. यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा शुरू हो जाएगी.
राम नाम का करें जप: सभी तरह के बुरे काम छोड़कर प्रतिदिन राम के नाम, गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुरू कर दें. ध्यान रहे इसमें से किसी एक मंत्र का जाप ही करें. कम से कम 43 दिनों तक लगातार इसका जाप सुबह और शाम नियम से करें.
घर में धूप दें: हिंदू धर्म में धूप देने और दीप जलाने का बहुत ज्यादा महत्व है. सामान्य तौर पर धूप दो तरह से ही दी जाती है. पहला गुग्गुल-कर्पूर से और दूसरा गुड़-घी मिलाकर जलते कंडे पर उसे रखा जाता है.