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Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी पर विष्णु जी को लगाएं इन 5 चीजों का भोग, बनी रहेगी सुख-संपन्नता

Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी की उत्पत्ति हुई थी. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, शांति और खुशहाली बनी रहती है. इस दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें कुछ विशेष चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है.

इस साल मार्गशीर्ष मास की एकादशी 26 नवंबर को सुबह 1 बजकर 1 मिनट को आरंभ होगी और 27 नवंबर की सुबह 3 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी. इस साल मार्गशीर्ष मास की एकादशी 26 नवंबर को सुबह 1 बजकर 1 मिनट को आरंभ होगी और 27 नवंबर की सुबह 3 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

Utpanna Ekadashi 2024: आज उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा. यह दिन हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है. उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी की उत्पत्ति हुई थी. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, शांति और खुशहाली बनी रहती है. इस दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें कुछ विशेष चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी पर भगवान को कौन से भोग अर्पित करने से घर में सुख-शांति आती है.

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1. पीले रंग की चीजें
भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत पसंद है. ऐसे में विष्णु जी की पूजा में पीली चीजों को शामिल करना शुभ माना जाता है. उत्पन्ना एकादशी के दिन केले और पीली मिठाई का भोग लगाएं. माना जाता है कि भगवान को इन चीजों का भोग लगाने से सुख की प्राप्ती होती है.

2.  पंचामृत
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग अवश्य लगाना चाहिए. पंचामृत में दूध, दही, शहद, घी और चीनी शामिल होती है. ऐसा करने से विष्णु प्रसन्न होकर आपकी सभी मुरादें पूरी करते हैं और मनचाहा फल देते हैं. इसके अलावा धन लाभ भी होता है. एक बात का विशेष ध्यान रखें कि भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें. तुलसी के बिना भोग अधूरा रहता है.

3. नारियल
नारियल को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है. उत्पन्ना एकादश के दिन भगवान विष्णु को नारियल चढ़ाने से घर में सकारात्मकता के साथ ही साथ संतान प्राप्ति और संतान की उन्नति भी होती है.

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4.पंचमुखी दीया 

उत्पन्ना एकादशी पर पंचमुखी दीया जलाने का विधान है. यह पांच प्रकार के मार्ग हैं: भक्ति का मार्ग, सफलता का मार्ग, मोक्ष का मार्ग, पुण्य प्राप्ति का मार्ग और कर्म फलों का मार्ग. इन पांचों मार्गों को पाने के लिए या अपने जीवन में इनका द्वार खोलने के लिए पंचमुखी दीया जलाते हैं. उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सामने पंचमुखी दीया जलाने से इन पंचमार्गों की प्राप्ति होती है.

कब है उत्पन्ना एकादशी?
इस साल मार्गशीर्ष मास की एकादशी 26 नवंबर को सुबह 1 बजकर 1 मिनट को आरंभ होगी और 27 नवंबर की सुबह 3 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का वर्त 26 नवंबर को रखा जाएगा.

इस दिन क्या करें?

1. उत्पन्ना एकादशी के दिन विधिपूर्वक व्रत रखें और पूजा के बाद भजन-कीर्तन करें.

2. इस दिन गरीब लोगों में धन और कपड़ों का दान करें. आप घी, गुड़, तिल या गर्म कपड़े भी दान कर सकते हैं.

3. पूजा के अंत में भगवान विष्णु को फल और मिठाई का भोग लगाएं. इस दिन भगवान विष्णु को सफेद और पीले रंग का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

4. भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें. तुलसी दल को आप किसी सफेद या पीले प्रसाद में मिलाकर भी भोग लगा सकते हैं.

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