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ISRO की सेंचुरी... श्रीहरिकोटा से 100वीं लॉन्चिंग की तैयारी पूरी, देखिए NVS-02 मिशन की तस्वीरें

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST
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ISRO 29 जनवरी 2025 को 06:23 बजे GSLV-F15 रॉकेट से NVS-02 मिशन लॉन्च करने जा रहा है. यह श्रीहरिकोटा से 100वां लॉन्च है. जीएसएलवी-F15 की 17वीं उड़ान है. एनवीएस-02 उपग्रह है, जो नाविक (NAVIC) उपग्रह प्रणाली का हिस्सा है. लॉन्च साइट सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र का दूसरा लॉन्च पैड है. (सभी फोटोः ISRO)

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नाविक का अर्थ है नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन. नाविक भारत की स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट प्रणाली है, जो भारत और इसके आसपास के क्षेत्र में सटीक स्थिति, वेग और समय सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है.

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नाविक भारत के भूमि से लगभग 1500 किमी तक के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा. नाविक दो प्रकार की सेवाएं प्रदान करेगी. स्टैंडर्ड पोज़िशनिंग सर्विस (SOS) और रेस्ट्रिक्टेड सर्विस (RS). यह सेवा अधिकृत उपयोगकर्ताओं के लिए है.  

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NVS-02 उपग्रह नाविक प्रणाली का हिस्सा है. भारतीय क्षेत्र में नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगा. उपग्रह को GSLV-F15 रॉकेट द्वारा भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा में स्थापित किया जाएगा. 

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नाविक उपग्रह प्रणाली भारत की नेविगेशन सेवाओं में स्व-निर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. नाविक की सेवाएं भारतीय उद्योगों को आर्थिक लाभ प्रदान कर सकती हैं.

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नाविक भारतीय क्षेत्र में नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगा, जिससे विदेशी नेविगेशन प्रणालियों पर निर्भरता कम होगी.
 

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नाविक सटीक और विश्वसनीय स्थिति और समय सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि विमानन, समुद्री और भूमि परिवहन को लाभ पहुंचाएगी.

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नाविक की प्रौद्योगिकी को विकसित करने और बनाए रखने की चुनौती है. नाविक की सेवाओं को सुरक्षित रखने की चुनौती है. नाविक की सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार करने की चुनौती है. 

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