Advertisement

साइंस न्यूज़

जैसलमेर में मिला 16.7 करोड़ साल पुराना डायनासोर का जीवाश्म, नाम है 'थारोसोरस इंडिकस'

विमल भाटिया
  • जैसलमेर,
  • 11 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST
  • 1/8

राजस्थान के जैसलमेर में वैज्ञानिकों ने शाकाहारी डायनासोर के संबंध में एक बड़ी खोज की है. आईआईटी रुड़की और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर जेठवाई क्षेत्र में 16.7 करोड़ साल पुराना दुनिया का सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर का जीवाश्म ढूंढ निकाला है.

  • 2/8

इससे यह पुष्टि हुई है कि कच्छ बेसिन से सटे इस क्षेत्र में 16.7 करोड़ साल पहले शाकाहारी डायनासोर रहते थे. जैसलमेर के थार रेगिस्तान में मिले इस जीवाश्म को‘थारोसोरस इंडिकस’ यानी भारत के थार का डायनासोर नाम दिया गया है. इससे पहले भी 2014 और 2016 में जैसलमेक के इसी जेठवाई व थैयात गांव में करोड़ों साल पहले डायनोसोर के जीवाश्म मिले थे.

  • 3/8

वैज्ञानिकों के अनुसार जैसलमेर का ये क्षेत्र डायनासोर बेसिन हो सकता हैं, यहां पर लगातार मिल रहे जीवाश्मों के अवशेषों के को देखते हुए कच्छ बेसिन से लगते इस सिस्टर बेसिन में और भी डायनासोर की प्रजातियों के अवशेष मिल सकते है. वैसे डायनासोर की प्रजातियों का रंग ब्राउन होता था और ये छोटे-बड़े शतुमुर्ग की तरह दिखते थे.

Advertisement
  • 4/8

असल में जैसलमेर के जेठवाई क्षेत्र में में वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर ‘थारोसोरस इंडिकस’ के जीवाश्म खोजने का दावा किया है. वैज्ञानिकों ने बताया कि रेगिस्तान में मिले थारोसोरस की रीढ़ लंबी थी और सिर पर ठोस नोक होती थी. ये जीवाश्म चीन में मिले जीवाश्म से भी पुराने हैं.

  • 5/8

रिसर्चर वैज्ञानिकों ने बताया यह डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड वाले डायनासोर उस समय करीब 40 फीट लंबे होते थे.

 

 

  • 6/8

डायनासोर का यह परिवार डिप्लोडोसॉइड नामक डायनासोर प्रजाति में आता है. भारत में इससे पहले किसी डिप्लोडोसॉइड का जीवाश्म नहीं मिला था.

Advertisement
  • 7/8

मध्य भारत में इससे भी प्राचीन सोरोपॉड्स बारापासोरस और कोटासोरस मिले हैं. उनका समय 19.9 करोड़ से 18.3 करोड़ वर्ष पूर्व का माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन सभी खोजों को जोड़ कर देखें तो पुख्ता संकेत मिलते हैं कि भारतीय उपमहाद्वीप डिप्लोडोसॉइड डायनोसोरों की उत्पत्ति और क्रमिक-विकास का केंद्र था.

  • 8/8

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के वैज्ञानिक देबाशीष भट्टाचार्य, कृष्ण कुमार, प्रज्ञा पांडे और त्रिपर्णा घोष ने करीब पांच साल पहले इस क्षेत्र में खोजबीन व स्टडी शुरू की थी. इस दौरान जिले के जेठवाई गांव की पहाड़ियों में रिसर्च के दौरान सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थारोसोरस के जीवाश्म मिले थे. सबसे ज्यादा डायनासोर की रीढ़, गर्दन, सूंड, पूंछ और पसलियों के जीवाश्म मिले थे.

इसके बाद सुनील बाजपेयी और देबाजित दत्ता ने 2022 आईआईटी रुड़की रिसर्च सेंटर में रिसर्च शुरू की. अगस्त 2023 के पहले सप्ताह में रिसर्च पूरी होने पर वैज्ञानिक निष्कर्ष पर पहुंचे की यह डायनासोर के जीवाश्म दुनिया के सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर के जीवाश्म है. इसे डायनासोरों के पुराने परिवार डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड्स में रखा गया है. इस परिवार के डायनासोर की गर्दन लंबी और सिर छोटे होते थे.

Advertisement
Advertisement