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Alaska में नदियों का रंग हुआ नारंगी, वैज्ञानिक इस अनजान बदलाव से हैरान... पता कर रहे हैं वजह

आजतक साइंस डेस्क
  • एंकरेज,
  • 15 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST
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अलास्का को कोबुक वैली नेशनल पार्क (Kobuk Valley National Park) में नदियां, नहर और अन्य जलस्रोतों का रंग अचानक बदल कर नारंगी हो गया. नारंगी रंग की नदियों की तस्वीर साइंटिफिक अमेरिकन जर्नल के लिए वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर टेलर रोड्स ने लीं. कोबुक वैली पार्क में नजदीकी गांव 95 किलोमीटर दूर है. (सभी फोटोः USGS)

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यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का एंकरेज के इकोलॉजिस्ट पैट्रिक सुलिवन ने कहा कि यहां कहीं से तो भयानक प्रदूषण हो रहा है. हम वजह खोजने में लगे हैं. पैट्रिक अपनी टीम के साथ नदियों के किनारे-किनारे यात्रा कर रहे हैं. उनके पास हमेशा एक ग्लॉक पिस्टल होती है, ताकि भूरे भालुओं के हमले से खुद को बचा सकें. 

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पैट्रिक ने जब इन नदियों के पानी की pH टेस्टिंग की तो पता चला कि ऑक्सीजन लेवल बहुत कम है. pH लेवल 6.4 है. यह किसी भी सामान्य नदी के पानी से 100 गुना ज्यादा एसिडिक हो गया है. सल्फ्यूरिक एसिड की मात्रा दिख रही है. इसमें आयरन की मात्रा भी ज्यादा पाई गई है. यह पानी पीने योग्य अब एकदम नहीं बचा है. 

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यहां सबसे बड़ी नदी सैलमन रिवर है. जिसकी सैकड़ों धाराएं इस घाटी में फैली हुई हैं. यहां पर 1000 किलोमीटर लंबी चोटियां हैं. जिनपर बर्फ जमी रहती है. यह अमेरिका की ऐसी नदियों में शामिल है, जहां इंसानी पहुंच बहुत कम है. इसलिए यहां प्रदूषण की आशंका कम है. लेकिन नदी का रंग नारंगी होने की वजह से वैज्ञानिक परेशान हो रहे हैं. 

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1980 के दशक में यहां का पानी एकदम साफ होता था. आपको तलहटी दिखती थी. इसमें गुलाबी रंग की सालमन मछलियां तैरती दिखती थीं. लेकिन इस समय इस नदी का एक तिहाई हिस्सा यानी करीब 110 किलोमीटर की लंबाई में नदी की धारा नारंगी रंग में बदल चुकी हैं. नदीं की कम से कम 75 धाराएं अपना रंग बदल चुकी हैं. 

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कोबुक वैली नेशनल पार्क को लेकर भविष्यवाणी की गई है कि यहां का तापमान साल 2100 तक 10.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. इससे पर्माफ्रॉस्ट का 40 फीसदी हिस्सा पिघल जाएगा. जिससे लाखों-करोड़ों साल से जमे हुए जीव और रसायन नदियों के रास्ते बाहर निकलेंगे. नदियों के बदलते रंग को लेकर फिलहाल दो थ्योरी आई हैं.

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पहली थ्योरी ये हैं कि नदी के आसपास के खनिज एसिड रिलीज कर रहे हैं, जिसके पीछे जलवायु परिवर्तन वजह हो सकती है. या फिर किसी बेडरॉक के नीचे से लोहे का बड़ा हिस्सा पानी के संपर्क में आ गया है. दूसरी थ्योरी ये मानी जा रही है कि किसी बैक्टीरिया ने बड़े पैमाने पर अपना आशियाना बदलने का फैसला किया है. और वो नदी के सहारे बहकर जगह बदल रही हैं.  

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