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साइंस न्यूज़

Indian Navy के शिवालिक क्लास जंगी जहाजों पर लगेगी ब्रह्मोस मिसाइल, सरकार ने दी हरी झंडी

ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST
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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BRAHMOS Supersonic Cruise Missile) तीनों डायमेंशन यानी तीनों दिशाओं से हमला करने को तैयार है. इसके सभी अवतार किसी भी समय दुश्मन के छक्के छुड़ा सकते हैं. अब देश का दुश्मन जमीन-आसमान या पानी कहीं से भी इसके वार से बच नहीं पाएगा. केंद्र सरकार ने भारतीय नौसेना (Indian Navy) के भरोसेमंद हमलावर शिवालिक क्लास फ्रिगेट में ब्रह्मोस मिसाइलों को लगाने को कहा है. (फोटोः गेटी)

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आपको बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल के चार नेवल वर्जन हैं. युद्धपोत से दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल, युद्धपोत से दागी जाने वाला लैंड-अटैक मिसाइल. ये दोनों मिसाइलें पहले से एक्टिव हैं. पनडुब्बी से दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल का सफल परीक्षण हो चुका है. आखिरी पनडुब्बी से दागी जाने वाली लैंड-अटैक मिसाइल. (फोटोः पीटीआई)

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शिवालिक क्लास में तीन जंगी जहाज हैं. तीनों नौसेना में एक्टिव हैं. इनके नाम है आईएनएस शिवालिक (INS Shivalik), आईएएस सतपुड़ा (INS Satpura) और आईएनएस सहयाद्री (INS Sahyadri). तीनों को मझगांव डॉकयार्ड ने बनाया है. तीनों ही गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स हैं. फिलहाल इन पर एंटी-एयर मिसाइल बराक-1, एंटी शिप-एंटी लैंड अटैक मिसाइल क्लब तैनात हैं. अब इन पर ब्रह्मोस की तैनाती होगी. (वीडियोग्रैबः ट्विटर/डिफेंसडिकोड)

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भारतीय नौसेना ने राजपूत क्लास डेस्ट्रॉयर आईएनएस रणवीर, आईएनएस रणविजय में 8 ब्रह्मोस मिसाइलों वाला लॉन्चर लगा रखा है. तलवार क्लास फ्रिगेट आईएनएस तेग, आईएनएस तरकश और आईएएस त्रिकंड में 8 ब्रह्मोस मिसाइलों वाला लॉन्चर तैनात है. कोलकाता क्लास डेस्ट्रॉयर में भी यह तैनात है. INS Visakhapatnam में भी इसे तैनात किया गया है. अब भारतीय नौसेना नीलगिरी क्लास फ्रिगेट में भी इस मिसाइल को तैनात करेगी. (वीडियोग्रैबः ट्विटर/डिफेंस डिकोड)

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युद्धपोत से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 200KG वॉरहेड ले जा सकती है. यह मिसाइल 4321 KM प्रतिघंटा की रफ्तार. इसमें दो स्टेज का प्रोप्लशन सिस्टम लगा है. पहला सॉलिड और दूसरा लिक्विड. दूसरा स्टेज रैमजेट इंजन है. जो इसे सुपरसोनिक गति प्रदान करता है. साथ ही ईंधन की खपत कम करता है. (वीडियोग्रैबः ट्विटर/डिफेंस डिकोड)

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भारत सरकार लगातार टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को बढ़ा रही है. सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने से मिसाइल की रेंज में 500KM की बढ़ोतरी होती है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं. सुखोई के साथ ब्रह्मोस की तैनाती पाकिस्तान और चीन सीमाओं पर भी की गई है. 

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सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) भारतीय वायुसेना के सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में से एक है. ये विमान आवाज से दोगुना गति में उड़ती है. यानी 2120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार. इस विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के नए एयर लॉन्च वर्जन को दागा जाएगा, तो दुश्मन की धज्जियां उड़ जाएंगी. (फोटोः डीआरडीओ)

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ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देता है.  यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार इसे देख ही नहीं पाएगा. यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा दे सकती है. (फोटोः गेटी)

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इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है. यह मिसाइल 1200 यूनिट की ऊर्जा पैदा करती है, जो किसी भी बड़े टारगेट को मिट्टी में मिला सकता है. (वीडियोग्रैबः ट्विटर/डिफेंस डिकोड) 

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भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है.  

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