आज जब बच्चा पैदा होता है, तो तमाम तरह की मेडिकल सुविधाएं, दवाएं और तकनीक का इस्तेमाल होता है. ताकि डिलीवरी आसान हो. पुराने समय में डिलीवरी इतनी आसान नहीं थी. अंदाजा लगाइए उस वक्त का जब डिलीवरी के दौरान न तो पेन किलर्स थे. न एनेस्थीसिया दी जाती थी. ना ही ऑपरेशन जैसी कोई चीज़ होती थी. (फोटोः अन्ना स्वेट्स/पेक्सेल)
इतिहास में पहले सफल सिज़ेरियन सेक्शन (C-Section) ऑपरेशन के साक्ष्य सन 1500 में स्विटज़रलैंड में मिलते हैं. एक वेटरनरी डॉक्टर ने अपनी पत्नी का ऑपरेशन किया था. इतिहासकारों की मानें तो इस ऑपरेशन के बाद मां और बच्चा दोनों सही सलामत रहे. पैदा होने वाला बच्चा 77 साल तक जीवित रहा. (फोटोः केली सिकेमा/अन्स्प्लैश)
अमेरिका का पहला सी-सेक्शन होश उड़ा देने वाला था. 1830 में छपे वेस्टर्न जर्नल ऑफ मेडिकल एंड फिजिकल साइंसेज के एडिशन में डॉ. जॉन एल. रिचमंड ने तूफान के दौरान एक बेहद मुश्किल प्रसव के बारे में लिखा है. लेबर के कई घंटों के बाद, डॉक्टर को लगा कि अब महिला की जान खतरे में है. उन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए रात करीब एक बजे सी-सेक्शन करने का फैसला किया. (फोटोः मिन्ह फिम/पिक्साबे)
एक पुरानी कैंची के ब्लेड से उन्होंने मां के भ्रूण को निकालने की कोशिश की. डॉक्टर ने लिखा कि भ्रूण बड़ा था, मां भी मोटी थी और मेरे पास कोई सहायता भी नहीं थी. यह ऑपरेशन मेरी उम्मीद से भी ज्यादा मुश्किल था. मां की असहनीय पीड़ा को देखते हुए डॉक्टर ने निर्णय लिया कि 'बिन मां के बच्चे से, बिन बच्चे की मां होना ज्यादा बेहतर है'. उन्होंने भ्रूण को हटाकर, मां का जीवन बचाने का निर्णय लिया. (फोटोः हांस लिंडे/पिक्साबे)
इस उदाहरण से यह साफ पता चलता है कि एंटीबायोटिक्स और एनेस्थीसिया से पहले, सी-सेक्शन कितना खतरनाक होते थे. इसलिए शायद ही कभी किए जाते थे. 1597 से जब तक सी-सेक्शन सुरक्षित नहीं हो गए, तब तक एक सर्जिकल प्रक्रिया की जाती थी, जिसे सिम्फिसियोटॉमी (Symphysiotomy) कहा जाता था. इसमें प्यूबिक सिम्फिसिस (योनी के ऊपर कार्टिलेज से बने एक ज्वाइंट) को काट दिया जाता था, ताकि पेल्विस को चौड़ा किया जा सके. बच्चे का जन्म आसानी से हो सके.
उस दौर के सभी सर्जिकल ऑपरेशन में जितना कम समय लगता, मरीज़ के सदमे में जाने या संक्रमित होने की संभावना उतनी ही कम होती थी. इसलिए, 18वीं सदी के अंत में, दो स्कॉटिश डॉक्टर- जॉन एटकेन और जेम्स जेफरे ने इस काम को जल्दी और सफाई से करने का रास्ता निकाला. यह रास्ता था चेन सॉ (जो ऊपर फोटो में दिख रहा है.). (फोटोः सबीन साल्फेर/ विकिमीडिया)
कमर और जांघों के बीच के हिस्से के लिए एक चेन सॉ बनाई गई थी. यह दुनिया की पहली चेन सॉ थी, जो चेन आधारित लचीली आरी थी. इसमें चेन वाले दांते थे. हैंड-क्रैंक के ज़रिए इसे इधर-उधर घुमाया जा सकता था. अब डॉक्टर पेल्विस को काटने के बजाए चेन-सॉ का हैंड-क्रैंक घुमाते थे. (फोटोः एजेक्विल गुरेरो/पेक्सेल)
आखिरकार 1806 में बनाए गए इस उपकरण का इस्तेमाल रोगग्रस्त जोड़ों को हटाने के लिए किया जाने लगा. इसे बार में मशीनी बना दिया गया. हालांकि, 1905 में इस डरावने उपकरण का इस्तेमाल पेड़ों को काटने के लिए किया जाने लगा. (फोटोः एजेक्वेल गुरेरो/पेक्सेल)