साल 2026-2030 के बीच चीन की आबादी एक नए मोड़ पर पहुंचने वाली है. क्योंकि चीन में जनसंख्या अब सिकुड़ रही है. इसकी वजह से चीन के विकास की दर में कमी आने की आशंका है. इस बात का खुलासा चीन के एक थिंक टैंक ने किया है. चीन में पिछले दशक में 5.38 फीसदी की ग्रोथ हुई है. इससे देश की आबादी 141 करोड़ हो गई है. लेकिन साल 1950 के बाद से अब तक की यह सबसे कम जनसंख्या बढ़त दर है. (फोटो:रॉयटर्स)
थिंक टैंक ने कहा कि चीन के दशकों पुराने एक बच्चा नीति के चलते यहां पर प्रजनन क्षमता कम हो गई है. चीन का निर्वाह खर्च बढ़ गया है. साथ ही सामाजिक कार्यों में भी कमी आई है. अगर इसी तरह से रहा तो चीन की आबादी 2026-2030 के बीच में तेजी से घटेगी. इसे निगेटिव पॉप्यूलेशन ग्रोथ कहते हैं. (फोटो:रॉयटर्स)
जनसंख्या के घटने की वजह से युवा और कामगार लोगों की देश में कमी होगी. इससे देश की आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा. जनसांख्यिकीय लाभांश कम होगा. चीन ने साल 2020 में अपनी आबादी को 142 करोड़ करने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया. चीन में प्रजनन दर गिरकर 1.3 बच्चे प्रति महिला हो गई है. जबकि इस लक्ष्य को पाने के लिए चीन को 1.8 बच्चे प्रति महिला चाहिए था. (फोटो:रॉयटर्स)
साल 2020 में सिर्फ 1.20 करोड़ बच्चे ही पैदा हुए. ये साल 1961 के बाद से सबसे कम था. चाइना पॉप्यूलेशन एंड डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर जाई झेनवू ने कहा कि जीरो या निगेटिव पॉप्यूलेशन ग्रोथ का समय आ रहा है. चीन की 14वीं पांच वर्षीय योजना के तहत 2021 से 2025 जो इकोनॉमिक और डेवलपमेंट का ब्लूप्रिंट तैयार किया था, उसमें ये आखिरी बार इतनी आबादी देख रहे हैं. इसके बाद चीन की आबादी में बढ़ोतरी नहीं होगी. (फोटो:रॉयटर्स)
जाई झेनवू ने कहा कि पंद्रहवीं पंच वर्षीय योजना में चीन एक टर्निंग प्वाइंट पर पहुंच जाएगा. वो पूरा होते होते आबादी कम होने लगेगी. इसके बाद चीन निगेटिव पॉप्यूलेशन ग्रोथ में चला जाएगा. ये चीन के लिए इस सदी की सबसे बड़ी घटना होगी. इसका सबसे बड़ा असर चीन की उच्च गुणवत्ता वाले लेबर और कंज्यूमर डिमांड पर पड़ेगा. (फोटो:रॉयटर्स)
बीजिंग स्थित गेवकल ड्रैगनोमिक्स के एनालिस्ट एरनान सुई ने कहा कि साल 2025 में चीन की आबादी अपने पीक पर होगी. उसके बाद प्रजनन दर तेजी से कम होगी. चीन में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ेगी. (फोटो:रॉयटर्स)
एरनान सुई ने कहा कि बुजुर्गों की आबादी बढ़ने से देश के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. क्योंकि उनके लिए पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधाएं और बजट बढ़ाना पड़ेगा. इससे हाउसहोल्ड सेविंग रेट में कमी आएगी. इससे चीन की सरकार निवेश आधारित विकास मॉडल को अगले कुछ दशकों तक नहीं चला पाएगी. (फोटो:रॉयटर्स)