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साइंस न्यूज़

चीन कराएगा अंतरिक्ष की यात्रा, 2025 में निजी कंपनी ले जाएगी स्पेस टूरिस्ट को

aajtak.in
  • बीजिंग,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST
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बस तीन साल की बात है...इसके बाद चीन के अंतरिक्षयान में बैठकर लोग पर्यटन के लिए सब-ऑर्बिटल फ्लाइट में जाएंगे. चीन की एक स्पेस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी पंखों वाला रॉकेट बना रही है. जिससे स्पेस टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. अंतरिक्ष की यह यात्रा एक तय स्थान से दूसरे तय स्थान के बीच ही होगी. (फोटोः गेटी)

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चीन की कंपनी ने यीचेंग टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि हम एक बेहद तेज गति से उड़ने वाला रॉकेट बना रहे हैं. जिसमें पंखे लगे होंगे. यह एक प्वाइंट-टू-प्वाइंट ट्रांसपोर्टेशन के लिए होगा. सैटेलाइट लॉन्च करने वाले दुनिया के अन्य रॉकेटों की तुलना में सस्ता होगा. यह किसी भी सामान्य एयरक्राफ्ट से ज्यादा तेज उड़ेगा. (फोटोः गेटी)

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चीन का यह स्पेस प्लेन धरती से अंतरिक्ष के बीच मौजूद दो प्वाइंट में यात्रा करेगा. रॉकेट रैपिड ट्रांसपोर्ट की तरह उपयोग होगा. यह रॉकेट पूरी तरह से दोबारा उपयोग करने लायक होगा. स्पेस ट्रांसपोर्टेशन वेबसाइट पर मौजूद वीडियो प्रेजेंटेशन में इस प्लेन को बेहद महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट माना गया है. इस प्रेजेंटेशन में दिखाया गया है कि एनिमेटेड लोग प्लेन में बैठ रहे हैं. यह स्पेस प्लेन वर्टिकल टेकऑफ करता है. (फोटोः ब्रायन मटांगेलो/अनस्प्लैश)

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इस स्पेस प्लेन में रॉकेट पावर्ड विंग्स होंगे. यह चीन से उड़ेगा और अंतरिक्ष से होते हुए सीधे दुबई में उतरेगा. इसकी लैंडिंग भी वर्टिकल होगी. यह पीछे की तरफ से तीन पैरों पर वर्टिकली लैंड करेगा. इस कंपनी का पूरा नाम है बीजिंग लिंगकॉन्ग तियानजिंग टेक्नोलॉजी को. लिमिटेड (Beijing Lingkong Tianxing Technology Co. Ltd.). कंपनी का प्लान ये है कि स्पेस प्लेन की ग्राउंड टेस्टिंग अगले साल से शुरु हो जाएगी. (फोटोः गेटी)

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साल 2024 में पहली परीक्षण उड़ान होगी. पहली क्रू वाली फ्लाइट साल 2025 से शुरु होगी. इसके बाद साल 2030 में एक ग्लोबल, ऑर्बिटल और क्रू वाली स्पेस फ्लाइट की भी प्लानिंग है. स्पेस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी की शुरुआत साल 2018 में हुई थी. कंपनी ने कहा कि हमारी प्लानिंग कोई अचानक से नहीं बनी है. इसमें काफी समय लगा है. पिछले साल हमने 46.3 मिलियन डॉलर्स यानी 346.75 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड जुटाया. (फोटोः गेटी)

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इस रुपये की मदद से वह अपने हाइपरसोनिक स्पेस प्लेन का प्लान बना रहे हैं. कंपनी तियानजिंग-1 और तियानजिंग-2 अंतरिक्षयानों का टेस्ट कर रही है. इनकी 10वीं टेस्ट फ्लाइट 23 जनवरी को हुई थी, जिसमें सिंगहुआ यूनिवर्सिटी के कंबश्चन लेबोरेटरी में कुछ खास तरह के प्रयोग किए गए थे. इस परीक्षण के बारे में कंपनी ने ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की है. क्योंकि हर स्पेस कंपनी की हाइपरसोनिक तकनीक अलग होती है. (फोटोः गेटी)
 

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द चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (CASC) चीन की मुख्य स्पेस कॉन्ट्रैक्टर है. साल 2020 और 2021 में इसने कई उच्च स्तर के खुफिया लॉन्च टेस्ट किए हैं. जो सब-ऑर्बिटल और ऑर्बिटल दोनों हैं. इनकी लॉन्चिंग जिउकुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से की गई थी. चीन इसे स्पेस प्लेन डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत गिनता है. (फोटोः नासा/अनस्प्लैश)

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दुनियाभर में स्पेस टूरिज्म के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जैसे वर्जिन गैलेक्टिक (Virgin Galactic) ने इंसानों के साथ अपने यान VSS Unity को सब-ऑर्बिटल फ्लाइट के लिए पिछली साल जुलाई में भेजा था. इस मिशन में वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचर्ड ब्रैनसन भी एक यात्री थे.

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पिछले हफ्ते सिएटल स्थित रेडियन एयरोस्पेस कंपनी ने घोषणा की है कि वह एक सिंगल स्टेज वाले ऑर्बिटल व्हीकल की तैयारी कर रहा है. चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के सहयोगी कंपनी CAS Space एयरोस्पेस कंपनी खुद अपने सब-ऑर्बिटल टूरिज्म सर्वसिजे की तैयारी में जुटी है. दूसरी तरफ जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की कंपनी ब्लू ओरिजिन भी अंतरिक्ष की यात्रा करा रही है. (फोटोः पिक्साबे)

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