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साइंस न्यूज़

चीन के स्टील प्लांट ने सर्बिया के गांव को लाल धूल से ढंका, दावा- फैला रहा कैंसर

aajtak.in
  • बेलग्रेड,
  • 10 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:22 AM IST
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सर्बिया (Serbia) के मध्य में एक गांव है, जिसका नाम है रैडिनैक (Radinac Village). एक दशक पहले यहां पर लोग स्वस्थ और सुरक्षित थे. फिर एक दिन चीन की एक स्टील कंपनी ने यहां पर अपना कारखाना खोला. स्थानीय लोगों को रोजगार मिला. लोग खुश थे पर उन्हें ये नहीं पता था कि उन्हें काम और पैसे के साथ कैंसर भी मिलने वाला है. काम और पैसा तुरंत लेकिन कैंसर धीरे-धीरे शरीर में घुसता चला गया. इस गांव को लाल धूल की चादर में ढंक दिया है. (फोटोः रॉयटर्स)

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पिछले एक दशक में इस गांव में कैंसर के मामले चार गुना बढ़ गए हैं. यहां पर चीन की स्टील कंपनी स्मेडरेवो (Smedrevo Steel Mill) है. अब इस कंपनी के खिलाफ यहां के लोग आवाज उठा रहे हैं. मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कंपनी बंद हो और पूरे गांव में फैली लाल धूल की चादर को साफ किया जाए. 70 वर्षीय स्थानीय निवासी और गले के कैंसर से पीड़ित जोरान कहते हैं कि वो वॉयस प्रोस्थेसिस की मदद से बात करते हैं. उनका लैरिंक्स (Larynx) निकाल दिया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)

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जोरान कहते हैं कि गांव में लोग कपड़े भी घर के अंदर सुखाते हैं. गाड़ियों पर से लाल धूल हटाने के लिए सिरके (Vinegar) का उपयोग किया जाता है. पानी से कुछ भी जल्दी साफ नहीं होता. हम घरों से जल्द बाहर नहीं निकलते. किसी की हिम्मत भी नहीं होती, बाहर निकलने की. उनकी सांसों में लाल जहर जो घुलने लगता है. जब इस बारे में स्मेडरेवो की सार्वजनिक हेल्थ एजेंसी से पूछा गया तो पता चला कि वहां पर करीब 1 लाख लोग रहते हैं. साल 2019 में यहां पर 6866 कैंसर के मामले सामने आए थे, जो साल 2011 की तुलना में 1738 केस ज्यादा थे. (फोटोः रॉयटर्स)

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स्टील कंपनी स्मेडरेवो (Smedrevo Steel Mill) ने हाल ही में अपनी टेक्नोलॉजी सुधारने और प्रदूषण कम करने के लिए 300 मिलियन यूरो यानी 2577 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसे चीन की सबसे बड़े स्टील निर्माता कंपनी हीस्टील (Hesteel) ने पांच साल पहले 46 मिलियन यूरो यानी 395 करोड़ रुपये से ज्यादा में सर्बिया से खरीदा था. इस प्लांट की पर्यावरण संरक्षण मैनेजर लुबिका ड्रेक ने कहा कि हम सब स्मेडरेवो के नागरिक हैं. हम प्रदूषण के बावजूद काम कर रहे हैं. अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए लगातार इसे सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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लुबिका ड्रेक ने कहा कि साल 2022 तक यहां पर तीन नए प्रोडक्शन फैसिलिटी बन जाएंगी. इसके बाद प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो जाएगा. क्योंकि ये अत्याधुनिक तकनीक पर बनाई जा रही हैं. प्लांट की वजह से कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी की खबर गलत है. यहां पर कैंसर फैलने की वजह NATO द्वारा 1999 के कोसोवो युद्ध के समय की बमवर्षा हो सकती है. इसमें हमारे प्लांट का कोई किरदार नहीं है. लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ता कहते हैं कि ये चीनी स्टील कंपनी प्रदूषण के मानकों को पूरा नहीं करती. (फोटोः रॉयटर्स)

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पर्यावरण के लिए काम करने वाले समूह Tvrdjava की प्रमुख निकलो क्रस्टिक ने कहा कि हमने सितंबर में लाल धूल की जांच कराई थी. उसमें भारी मात्रा में हैवी मेटल्स मिले हैं. इस कस्बे में हवा के साफ होने का दर यूरोपियन स्टैंडर्ड से बेहद कम है. यहां साल में 120 दिन से भी कम समय हवा साफ रहती है. लाल धूल चिकनाहट का साथ होती है, ये फेफड़ों में जाकर चिपक जाती है. जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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चीन ने सर्बिया में अरबों-खरबों रुपये लगाए हैं. सर्बिया यूरोपियन यूनियन में शामिल होना चाहता है लेकिन यह रिश्ता आसान नहीं रहा है. पश्चिमी देशों के साथ सर्बिया का रिश्ता दो दशकों से काफी ज्यादा खराब रहा है. यूगोस्लाविया के साथ अलग होने के बाद से स्थितियां बिगड़ती ही गई हैं. इसके बाद जाकर सर्बिया ने चीन का हाथ थामा. क्योंकि 1999 के युद्ध के बाद सर्बिया की हालत काफी ज्यादा खराब हो गई थी. (फोटोः रॉयटर्स)

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अब बेलग्रेड की अथॉरिटीज ने कहा है कि वो चीनी स्टील कंपनी स्मेडरेवो के खिलाफ प्रदूषण संबंधी कानून के तहत कार्यवाही करने वाली हैं. अप्रैल में सर्बिया की सरकार ने चीन जिजिन खनन कंपनी को अपने काम को अस्थाई तौर पर कुछ समय के लिए रोकने का आदेश दिया था. इस कंपनी ने प्रदूषण के मानकों को तोड़ा था. यह कंपनी तांबा खनन करती है. जब कंपनी ने समस्याओं का समाधान कर दिया, तब जाकर उसके संचालन को अनुमति दी गई थी. (फोटोः रॉयटर्स)

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सर्बिया के माइनिंग और एनर्जी मिनिस्टर जोराना मिहाज्लोविक ने कहा है कि किसी भी तरह का प्रदूषण फैलाने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा. चाहे वह कंपनी देसी हो या विदेशी. अगर ये कंपनियां प्रदूषण का स्तर कम नहीं कर सकती तो अपना काम तुरंत रोक देना चाहिए. हम अपने लोगों की सेहत और सुरक्षा को फायदे के लिए दांव पर नहीं लगा सकते. (फोटोः रॉयटर्स)

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